आगरा(ब्यूरो)। समीक्षा बैठक में उन्हें बताया गया कि जनपद में 16916 निराश्रित गौवंश है। और गौ संरक्षण केंद्रों की संख्या 57 है। 13453 गोवंश को आश्रय दिया गया है, जबकि 1848 गौवंश को सुपुर्दगी में दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में पांच अतिरिक्त बृहद गौ संरक्षण केन्द्र के नवीन निर्माण के लिए शासन से पहली किस्त 60 लाख प्राप्त हो चुकी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में छह बृहद गौ संरक्षण केन्द्र के नवीन निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मंत्री ने गोशालाओं के प्रति समाज में जागरूकता अभियान चलाया जाए। एक भी गोवंश सड़क पर घूमता न मिले।
धुरी होती थीं
उन्होंने कहा कि गांव में प्राचीन काल में गोशाला, पाठशाला, व्यायामशाला और यज्ञशाला ग्रामीण जीवन की धुरी होती थीं। गोशालाओं को जनप्रतिनिधि, ग्राम प्रधान के माध्यम से समाज के लोगों के सहयोग से संचालित किया जाए। गोशालाओं से इफको के माध्यम से कंपोस्ट खाद बनाने, गौमूत्र,गौकाष्ठ जैसे नवोन्मेष से जोडऩे की योजना बनाने, नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देने, सेक्स सीमेन, बधियाकरण के लक्ष्य को पूर्ण किया जाए।
संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे सके
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य पूछे जाने पर वे संतुष्टिपूर्ण जवाब नही दे सके, कार्यालय में एक डिप्टी सीबीओ की तैनाती पर भी मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निरंतर क्षेत्र में भ्रमण करते रहने के निर्देश दिए। मंत्री ने बैठक में कहा कि अगले पांच साल में 1000 करोड़ के निवेश से गांवों में दुग्ध विक्रय की सुविधा, प्रत्येक ब्लाक पर नई दुग्ध सहकारी समिति का गठन, छोटे एवं मध्यम स्तर के किसानों के लिए 25 देशी गायों के पालन हेतु अत्याधुनिक गोवंशीय डेयरी फार्म योजना, स्वदेशी गो संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना आदि द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है।
ये रहे मौजूद
विधान परिषद सदस्य विजय शिवहरे, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष असफाक सैफी, सीडीओ ए। मनिकंडन, अपर नगरायुक्त सुरेंद्र यादव, डीसी मनरेगा रामायण यादव, डीपीआरओ नीतेश भोंडेले, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक विवेक भारद्वाज, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ। एमपी ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।