आगरा (ब्यूरो) बल्क वेस्ट जेनरेटर विषय पर सीएसई की ओर से नगर निगम की सहायता से एमजी रोड स्थित होटल में वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न स्कूल्स के 70 से अधिक प्रतिनिधियों ने पार्टिसिपेट किया। वर्कशॉप में ट्रिपल आर (रीड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल) के साथ जीएसपी (ग्रीन स्कूल प्रोगाम) से रूबरू कराया गया। बताया गया कि शिक्षण संस्थानों सिर्फ बच्चों को शिक्षित ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह किस तरह 'जीरो वेस्टÓ के सपने को साकार कर सकते हैं।

स्कूल स्टाफ को किया जाएगा अवेयर
स्पीकर तुुसिता ने बताया कि 'जीरो वेस्टÓ का मतलब ये नहीं है कि किसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में वेस्ट जेनरेट न हो। बल्कि वेस्ट को किस तरह मैनेज किया जाए। वेस्ट को सेग्रीगेट किया जाए। गीले कचरे की कंपोस्टिंग की जाए। वेस्ट में इस तरह के मेटेरियल का अलग किया जाए, जिससे रीयूज और रीसाइकिल किया जा सकता है। एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के स्टाफ के साथ स्टूडेंट्स को भी इस बारे में अवेयर करने के लिए ग्रीन स्कूल प्रोगाम की शुरूआत की गई है।

फन के साथ लर्निंग
इसमें बच्चों के लिए वेस्ट मैनेजमेंट पर एक्टिविटी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह फन के साथ वेस्ट मैनेजमेंट की लर्निंग सीख सकते हैं। इसके साथ ही स्कूल स्टाफ को भी प्रशिक्षित किया जाता है। जिसमें उन्हें स्कूल से निकलने वाले वेस्ट को किस तरह मैनेज किया जाए, इस बारे में ट्रेनिंग दी जाती है।

स्वच्छता में गेम चेंजर साबित होगा
सीएसई के प्रोग्राम डायरेक्टर अतिन बिस्वास ने बताया कि देशभर में 7000 से अधिक स्कूल्स और 600 से अधिक यूनिवर्सिटीज ग्रीन स्कूल प्रोग्राम से जुड़े हुए हैं। इसमें उनका समय-समय पर एनालिसिस, ट्रेनिंग देने के साथ जीएसपी के मानकों पर खरा उतरने पर सम्मानित भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि जीएसपी वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छता मिशन के लिए गेम चेंजर साबित होगा। क्योंकि बच्चों के साथ ट्रेनिंग ा कम्युनिकेशन काफी इफेक्टिव होता है। अगर बच्चों को वेस्ट मैनेजमेंट के प्रति अवेयर कर दिया जाए तो वह सिर्फ स्कूल तक ही नहीं रहती, बल्कि अपने घर और परिवारीजनों के बीच भी वह इस नॉलेज को स्प्रेड करते हैं। प्रोग्राम डायरेक्टर बिस्वास ने बताया कि आगरा रीजन के सभी केंद्रीय विद्यालय जीएसपी से जुड़े हुए हैं। अब हमारा फोकस प्राइवेट के साथ अन्य सरकारी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को भी इस मुहिम से जोडऩा है। इस अवसर पर नगर निगम के पर्यावरण अभियंता, पंकज भूषण, स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पांडेय, डिप्टी प्रोग्राम मैनेजर मोऊ सेनगुप्ता, प्रोग्राम ऑफिसर कुलदीप चौधरी, प्रोगाम मैनेजर नीरज कुमार, आशीष चौहान आदि मौजूद रहे।

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शहर को स्वच्छ बनाने में सभी शहरवासी अपना योगदान देंगे, तभी शहर को स्वच्छ बनाया जा सकता है। जिस तरह बच्चों के स्कूल्स में शिक्षित होने की शुरूआत होती है, उसी तरह ग्रीन स्कूल प्रोग्राम के तहत अब उन्हें एनवारनमेंट एजुकेशन से भी रूबरू कराया जाएगा। जिसका फायदा स्कूल के साथ बच्चों को भी मिलेगा। बच्चे वेस्ट मैनेजमेंट और एनवायरनमेंट के प्रति ट्रेंड होंगे, तो शहर स्वच्छ होगा।
पंकज भूषण, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम