आगरा। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद को टीबी मुक्त करने के लिए स्वस्थ हो चुके लोगों को टीबी चैंपियन घोषित करके सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे टीबी चैंपियन को इसके लिए चिह्नित किया गया है, जो अपने ट्रीटमेंट के दौरान सजग रहे थे और समय से जांच कराकर अपनी दवाएं समय से खाई थीं।
बताएंगे, टीबी का इलाज संभव
डीटीओ (डिस्ट्रिक्ट टीबी अफसर) डॉ। संत कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री के 'जी विजनÓ के अनुसार देश से टीबी को 2025 तक मुक्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जनपद में विभिन्न स्तर पर टीबी के मरीजों की पहचान कर उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा है। अब इसमें टीबी को मात दे चुके टीबी चैंपियनों का भी सहयोग लिया जाएगा। वे ऑन ट्रीटमेंट टीबी मरीजों को टीबी के बारे में और उसके उपचार के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। साथ में उन्हें बताएंगे कि टीबी लाइलाज नहीं है, इसका उपचार संभव है। उन्होंने खुद टीबी को मात दी है, सही नियमों का पालन करने और समय पर दवा लेने से वे भी टीबी को मात दे सकते हैं।
फैमिली को भी करेंगे अवेयर
डीटीओ ने बताया कि जनपद में अभी 24 टीबी चैंपियनों को ट्रेनिंग दी गई है। इसमें से अभी 16 टीबी चैंपियन क्षेत्र में कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि जनपद की सभी 12 टीबी यूनिट पर टीबी चैंपियन अपनी सेवाएं देंगे। टीबी चैंपियन ऑन ट्रीटमेंट टीबी मरीजों को जोखिम मूल्यांकन, उपचार साक्षरता, मेंटल हेल्थ स्क्रीनिंग, जेंडर रिस्पॉन्सिव सपोर्ट इत्यादि विषयों पर जानकारी देंगे। इसके साथ ही वे टीबी मरीजों के परिवार के लोगों की भी काउंसलिंग करेंगे, जिससे कि उपचारित रोगी और उसके परिवारीजन किसी प्रकार के मानसिक दवाब में न आएं और उपचार कराते रहें।
भेदभाव में आएगी कमी
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि टीबी चैंपियन समाज में टीबी रोग के संबंध में जनमानस को जागरूक करने में बहुत उपयोगी साबित होंगे। क्योंकि यह टीबी चैंपियन अपनी आपबीती और अनुभवों को लोगों तक पहुंचाएंगे। इस रोग को मात दे चुके चैंपियन द्वारा सही तरीके से अपनी बात रखने से टीबी रोगियों के प्रति भेदभाव भी कम होगा।
संपन्न हुई कार्यशाला
जनपद में 24 टीबी चैंपियन को चिह्नित कर जिला टीबी रोग केंद्र व वल्र्ड विजन संस्था द्वारा उन्हें दो दिवसीय वर्कशॉप के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। वल्र्ड विजन संस्था के जिला समुदाय समन्वयक युनूस खान ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद टीबी चैंपियन को सर्टिफिकेट भी दिए गए।
स्वस्थ हो चुके टीबी रोगी अब टीबी के खात्मे में सहयोग प्रदान करेंगे। उन्हें टीबी चैैंपियन घोषित कर ट्रेनिंग दी गई है।
-डॉ। संत कुमार, डीटीओ