बैंगलुरु में एक प्रायोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कार और चीते का विकल्प दिया जाए तो वह चीते के साथ दौड़ना पसंद करेंगे.
बैंगलोर के चेन्नास्वामी स्टेडियम में मंगलवार को बोल्ट, युवराज सिंह और हरभजन सिंह के साथ क्रिकेट खेलने पहुँचे हैं.
बोल्ट की ख्वाहिशें और चुनौतियां जानें पूरी रिपोर्ट में:
चीते सरीखी गति से दौड़ने वाले विश्व रिकॉर्डधारी बोल्ट ने क्रिकेट की चुनौती के सवाल पर कहा, "ये ठीक है. मैं भी उन्हें 100 मीटर की दौड़ 14 सेकंड या 14.5 सेकंड में पूरी करने की चुनौती दूंगा. ये देखना मजेदार होगा. मैं पूरी तरह तैयार हूं."
उसैन बोल्ट
यह पूछे जाने पर कि प्रतियोगिता में उन्हें हराने का माद्दा किसमें है? उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा, किसी में नहीं. सारा खेल मानसिक दक्षता का है."
लेकिन 100 मीटर दौड़ में वह किस पर दांव लगाना चाहेंगे? बोल्ट ने हंसते हुए कहा, " क्रिस गेल पर नहीं. वह धीमे हैं."
बोल्ट का कहना है कि उनकी अब तक की सबसे अच्छी दौड़ जमैका में थी और वह भी तब, जब वह 15 साल के थे.
सिर्फ़ जीतना चाहता हूं
जमैका का प्रतिनिधित्व उनके लिए क्या मायने रखता है?
उनका कहना है, "बेहद शानदार, वो मेरा देश है. हर एथलीट अपने देश के लिए खेलना चाहता है. मैं हमेशा खुश रहता हूं."
क्या कभी खेल के अलावा किसी दूसरे करियर के बारे में सोचा है?
वो कहते हैं, "मुझे नहीं पता, हो भी सकता है और नहीं भी, मैं अब तक की पूरी ज़िंदगी खेल के लिए जिया हूं."
दुनिया में ऐसा कौन है जो आपका रिकॉर्ड तोड़ सकता है, इस पर बोल्ट कहते हैं, "यह पहुंच से बाहर है. मैंने ऊंचे मानक स्थापित किए हैं. एथलीट के तौर पर मैंने रिकॉर्ड बनते और टूटते हुए देखे हैं. मैं रिकॉर्ड्स और बेहतर करना चाहता हूं. अगर आप मेरे जैसा महान बनना चाहते हैं तो आपको कड़ी मेहनत करनी होगी."
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने बीजिंग में जिन जूतों का चुंबन लिया था, वे कहां हैं. बोल्ट कहते हैं, "मैं आपको नहीं बता सकता."
रियो के बाद क्या? बोल्ट कहते हैं, "मैं फ़ुटबॉल खेलना चाहता हूं."
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