चीन ने शनिवार को ही हवाई क्षेत्रों की पहचान के संदर्भ में नए नियम बनाए थे और ज़ोर दिया था कि विमानों को या तो इन नियमों का पालन करना होगा या फिर उन्हें आपातकालीन स्थिति का सामना करना होगा.
हालांकि अमरीकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि उसके विमानों ने सामान्य प्रक्रियाओं का पालन किया है.
जापान स्थित सेंकाकू और चीन स्थित डिवोयू द्वीप हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच विवाद की वजह बने हुए हैं.
जापान ने चीन के इस नए रक्षा क्षेत्र संबंधी नियम को ख़ारिज करते हुए अवैध करार दिया है. जापान की दो सबसे बड़ी एअरलाइनों ने मंगलवार को जापान सरकार से आग्रह किया कि वो इन नए नियमों का पालन न करें.
'नियमों का पालन किया'
"हमने सेंकाकू क्षेत्र में अपनी कार्रवाई की है. हमने सामान्य नियमों का पालन किया है जिसके तहत लड़ाकू विमानों को न उड़ाना और रेडियो संदेश न भेजना शामिल हैं."
-कर्नल स्टीव, अमरीकी रक्षा विभाग के अधिकारी
अमरीकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी कर्नल स्टीव वॉरेन का कहना है, "हमने सेंकाकू क्षेत्र में अपनी कार्रवाई की है. हमने सामान्य नियमों का पालन किया है जिसके तहत लड़ाकू विमानों को न उड़ाना और रेडियो संदेश न भेजना शामिल हैं."
उनका कहना था कि फिलहाल चीन की ओर से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
एक अन्य अमरीकी रक्षा अधिकारी का कहना था कि ये उड़ान इस क्षेत्र में सामान्य उड़ानों का हिस्सा थी और सोमवार को इस विमान ने गुआम शहर से उड़ान भरा था जिसमें किसी तरह का कोई हथियार नहीं था.
जापान और दक्षिण कोरिया में अमरीका के करीब सत्तर हजार सैनिक हैं. अमरीका पहले कह चुका है कि वो इस क्षेत्र में किसी तरह की अस्थिरता संबंधी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा.
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