इन गतिविधियों से पर्दा उठाने की प्रक्रिया को तीन लोगों से जोड़कर देखा जा सकता है जिन्होने बंधनों को नहीं माना- ख़ुफ़िया सूचनाएं लीक करने वाले एडवर्ड स्नोडेन और उनकी सूचनाएं फैलाने वाले, द गार्डियन अख़बार के रिपोर्टर ग्लेन ग्रीनवॉल्ड, और स्वतंत्र फ़िल्मकार लौरा पोइट्रस.
कथित तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने टेलीकॉम कंपनी वेरीज़ॉन के लाखों अमरीकी उपभोक्ताओं के कॉल आंकड़े इकट्ठे किए, स्पेन में भी क़रीब 6 करोड़ लोगों का डेटा इकट्ठा किए गए.
फ्रांस की चांसलर एंगेला मर्केल की सालों से जासूसी की जा रही है जबकि स्पेन में भी 7 करोड़ लोगों के डिजिटल संचार आंकड़ों की निगरानी हो रही थी.
जासूसी का जाल
गार्डियन अख़बार में ग्रीनवॉल्ड और पोइट्रस के लेखों, फ्रेंच अख़बार ले मोंद, जर्मनी की पत्रिका डेयर श्पीगल और स्पेन के दो अख़बारों एल मुंडो और एल पैस में छपी ख़बरें इस संस्था पर रोशनी डालती हैं, जिसे जानकार सीआईए से भी कहीं ज़्यादा रहस्यमयी मानते हैं.
इन मीडिया रिपोर्टों ने कूटनीतिज्ञों, जासूसों और राजनीतिज्ञों को निराश कर दिया है. अगस्त में अमरीकी अधिकारियों ने ग्रीनवॉल्ड के सहयोगी डेविड मिरांडा को हीथ्रो हवाई अड्डे पर पकड़ा और एडवर्ड स्नोडेन के लीक किए गए काग़ज़ातों को ज़ब्त कर लिया.
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पत्रकार ग्लेन ग्रीनवॉल्ड एडवर्ड स्नोडेन के लीक किए दस्तावेज़ों को प्रकाशित करके चर्चा में आ गए
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ एक जासूस का कहना है कि ''इन दस्तावेज़ों में मौजूद किसी भी सूचना को सार्वजनिक करना ब्रिटेन के हित में नहीं होगा. इससे ज़िंदगियां ख़तरें में आ जाएंगी, सार्वजनिक सुरक्षा को ख़तरा पैदा होगा औऱ चरमपंथ का मुक़ाबला करने की क्षमता कम होगी.''
सोमवार को एक यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल जासूसी कार्यक्रम के बारे में अमरीकी सांसदों से चर्चा करने वॉशिंगटन पहुंचा. इस बीच दस्तावेज़ों को रिलीज़ करने वाले ग्रीनवॉल्ड ब्राज़ील पहुंचे हैं जहां से उन्होने फ़ोन पर बीबीसी को बताया कि ''ब्राज़ील में दूरसंचार बहुत ही असमान है. उनके फ़ोन पर कुछ सुरक्षात्मक उपाय भी किए गए हैं जिससे मुश्किलें बढ़ गई हैं.''
सुरक्षा के उपाय करना ज़रूरी भी है क्योंकि उनकी बातचीत सुनने में कुछ लोगों की दिलचस्पी ज़रूर है. ग्रीनवॉल्ड ने बीबीसी को बताया है कि एनएसए की गतिविधियों के बारे में खोले गए राज़, एडवर्ड स्नोडेन की लीक की गई जानकारी पर आधारित है जो फ़िलहाल रूस में हैं.
अप्रकाशित दस्तावेज़
ले मोंद अख़बार ने ख़बर छापी थी कि अमरीका मर्केल की जासूसी दस साल से कर रहा है
अब भी हज़ारों ऐसे दस्तावेज़ हैं जो प्रकाशित नहीं किए गए हैं. इनमें एनएसए की गतिविधियों, अमरीकी सेना की ख़ुफ़िया सूचनाएं और दूतावासों में गुप्त रूप से बातें पता करने के तरीक़ों से जुडे तथ्य हैं.
ये सब सिर्फ़ अमरीका से जुड़ा नहीं है. एक ब्रिटिश अधिकारी का कहना है कि द इंडिपेंडेंट अख़बार के हिसाब से ग्रीनवॉल्ड के पास 58000 ब्रिटिश ख़ुफ़िया दस्तावेज़ भी हैं.
ग्रीनवॉल्ड का कहना है कि वह और पोइट्रस 'इन काग़ज़ातों के लिए उत्तरदायी हैं और वही तय करते हैं कि इन्हें कैसे और कब जारी किया जाए. हम दोनों के पास दस्तावेज़ हैं और इनके बारे में स्नोडेन फ़ैसला नहीं लेता. मैं और लौरा लेते हैं.'
ग्रीनवॉल्ड कहते हैं कि ''उनका लक्ष्य बहुत सीधा है हम लोगों को बताना चाहते हैं कि निजता के साथ क्या किया जा रहा है''. ग्रीनवॉल्ड वो पत्रकार हैं जो स्नोडेन के साथ अपने संपर्कों को लेकर चर्चा में आए लेकिन वो अकेले नहीं हैं.
द वॉशिंगटन पोस्ट के बार्टन गेलमैन को भी कुछ दस्तावेज़ दिए गए थे जिसे उन्होने इंटरनेट निगरानी कार्यक्रम प्रिज़्म पर अपनी रिपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया.
ग्रीनवॉल्ड का कहना है कि वह एनएसए से जुड़े इन काग़ज़ातों को उन प्रमुख मीडिया संस्थानों के पत्रकारों और संपादकों को दे रहे हैं जिसके ज़रिए ज़्यादा से ज़्यादा असर हो सके.
ख़ुफ़िया मामलों के जानकार स्टीवेन आफ़्टरगुड का कहते हैं कि ''वह इन्हे रणनीतिक रूप से दुनिया के अलग अलग हिस्सों में प्रकाशित कर रहा है.''
ग्रीनवॉल्ड का कहना है कि ''क्या प्रकाशित किया जाए इसकी निर्णय प्रक्रिया बहुत ज़्यादा संशोधित नहीं है. यह कोई वैज्ञानिक फ़ॉर्मूला नहीं है. जब लेख तैयार हो जाता है तो छप जाता है.''
ग़लतियां
एनएसए की गतिविधियों की जानकारी एडवर्ड स्नोडेन के लीक किए दस्तावेज़ों पर आधारित है
कई बार उनसे ग़लतियां भी होती हैं. ले मोंद में ग्रीनवॉल्ड और ज़ाक फ़लोरो के नाम से एक लेख छपा जिसमें फ्रांस में अमरीका के गुप्त सूचना इकट्ठा करने की कार्यक्रम की बात कही गई.
ये रिपोर्ट छपने के बाद अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी के निदेशक जेम्स क्लैपर ने एक बयान देकर कहा कि अख़बार की रिपोर्ट ग़लत औऱ भ्रामक जानकारियां देती हैं.
क्लैपर ने कहा कि ''ये आरोप लगाना कि एनएसए ने 7 करोड़ फ्रांसीसी नागरिकों के टेलीफ़ोन आंकड़े इकट्ठे किए,ये ग़लत है.''
ग्रीनवॉल्ड का कहना है कि अख़बार ने अंजाने में लिख दिया होगा कि एनएसए फ़ोन कॉल की निगरानी कर रही है जबकि एजेंसी मेटाडाटा इकट्ठा कर रही थी जिसमें इस बात की जानकारी रखी जाती है कि किसी ने किस जगह से अपने ईमेल खाते को खोला है.
ग्रीनवॉल्ड इस तरह की गड़बड़ियों से बेअसर लगते हैं. उनके लिए इन काग़ज़ातों को जारी करना और दुनिया पर इस तरह का असर डालना एक तरह का नशा है. जैसा कि द न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार बिल केलर ने लिखा है कि उन्होने इस साल की सबसे बड़ी स्टोरी ब्रेक की है.
नया काम
पत्रकारिता में अपनी उपलब्धियों और ई बे की स्थापना करने वाले पियरे ओमिद्यार के साथ मीडिया में अपनी नई योजनाओं पर बात करते हुए ग्रीनवॉल्ड मस्ती से बात करते हैं.
उन्होने हाल ही में घोषणा कि है कि वह द गार्डियन छोड़कर एक अन्य ख़बरिया वेबसाइट पर काम करेंगे जिसे ओमिद्यार का सहयोगा हासिल है.
हालांकि ग्रीनवॉल्ड समझाते हैं कि वह अन्य मीडिया संस्थाओं के साथ मिलकर एनएसए से जुड़े काग़ज़ात प्रकाशित करते रहेंगे. वे इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि उनका काम अपना असर बनाए रखेगा. ग्रीनवॉल्ड कहते हैं ''मुझे ऐसा महसूस ही नहीं होता कि मैं किसी अनजान सी वेबसाइट के लिए गार्डियन छोड़ रहा हूं. मैं इस बात को लेकर ज़रा भी परेशान नहीं हूं कि हमारी आवाज़ सुनी जाएगी या नहीं.''
ग्रीनवॉल्ड पर दुनिया भर की नज़र है लेकिन दूसरे पत्रकारों की तरह वो भी आधुनिक दूरसंचार माध्यमों पर निर्भर हैं. अगले ही पल फ़ोन सिग्नल क़मज़ोर पड़ता है और उनकी आवाज़ कट जाती है.
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