अब तक अनामित एसआर-72 में ऐसा इंजन होगा जिसमें टर्बाइन और रामजेट दोनों होंगे और इनकी मदद से यह मैक 6- करीब 5,800 किमी प्रतिघंटा की गति हासिल कर पाएगा.
अपने पूर्ववर्ती की तरह एसआर-72 को भी बेहद ऊंचाई से निगरानी रखने के लिए डिजाइन किया गया है लेकिन संभवतः इसे हथियारों से लैस भी किया जा सकेगा.
लॉकहीड का कहना है कि यह विमान 2030 तक काम करने लगेगा.
एसआर-72 को लॉकहीड मार्टिन के कैलिफ़ोर्निया स्थित स्कंक वर्क्स आर एंड डी सेंटर में डिज़ाइन किया जा रहा है. मूल ब्लैकबर्ड को भी यहीं बनाया गया था.
ब्लैडबर्ड ने 1964 में पहली उड़ान भरी थी और 1998 तक वह अमरीकी वायुसेना के लिए जासूसी और निगरानी करने वाला मुख्य विमान बना रहा.
यह 24,000 मीटर (80,000 फ़ीट) की ऊंचाई पर उड़ सकता था और मैक 3 की गति हासिल कर सकता था.
टेस्टबेड
एक ब्लॉग पोस्ट में लॉकहीड मार्टिन ने कहा कि एसआर-72 भी इतनी ही ऊंचाई पर उड़ेगा लेकिन इसकी गति कहीं ज़्यादा होगी.
मैक 6 की गति के साथ यह विमान 5,500 किमी की न्यूयॉर्क से लंदन की दूरी एक घंटे से भी कम वक्त में तय कर लेगा.
"एसआर-72 इतना तेज़ होगा कि विरोधियों को प्रतिक्रिया देने या छुपने का मौका ही नहीं मिलेगा."
-लॉकहीड मार्टिन
जासूसी करने वाले उपग्रह दुश्मनों के इलाके की तस्वीरें तो ले सकते हैं लेकिन उन्हें तस्वीरें भेजने के लिए नए ऑर्बिट में जाना होता है जिसे उनकी उपयोगिता सीमित हो जाती है.
लॉकहीड के अनुसार इसके विपरीत एसआर-72 "इतना तेज़ होगा कि विरोधियों को प्रतिक्रिया देने या छुपने का मौका ही नहीं मिलेगा."
एसआर-72 के लिए लॉकहीड मार्टिन फ़ाल्कन एचटीवी-2 हाइपरसॉनिक टेक्नोलॉजी व्हीकल पर किए गए काम को इस्तेमाल कर रही है.
यह भविष्य की तकनीकों के लिए एक तरह के टेस्टबेड (जिस पर प्रयोग किए जा सकें) है. इससे हाइपरसॉनिक उड़ानों को सुरक्षित बनाने और इतनी तेज़ रफ़्तार से उड़ने पर पैदा होने वाली स्थितियों से सामंजस्य बैठाने में मदद मिलती है.
उदाहरण के लिए एक बार एचटीवी-2 की एक परीक्षण उड़ान में विमान 20 मैक तक की गति पर पहुंच गया और उड़ान का तापमान 1927 सेल्सियत (3500 फ़ारेनहीट) तक पहुंच गया था.
मैक 6 की गति तक पहुंचने के लिए एसआर-72 का इंजन मैक 3 की गति हासिल करने तक किसी सामान्य जेट टर्बाइन की तरह काम करेगा और उसके बाद आगे बढ़ने के लिए यह एक 'रैमजेट' की तरह चलेगा.
लॉकहीड मार्टिन के हाइपरसॉनिक कार्यक्रम प्रबंधक ब्रैड लीलैंड ने ब्लॉगपोस्ट में लिखा, "आने वाले कई दशकों में उड्डन क्षेत्र में रफ़्तार का विकास होगा. यह तकनीक खेल की सूरत बदल देगी जैसे कि आज स्टेल्थ (राडार से बचने में सक्षम) विमान जंग के मैदान को बदल रहे हैं."
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