तालिबान ने बीबीसी को बताया है कि एक आत्मघाती हमलावर ने कार में सवार होकर ये विस्फोट किए और इसके बाद दूसरे लड़ाकों ने भवन पर हमला बोल दिया.
विद्रोहियों और सुरक्षा बलों को बीच हुई गोलीबारी में अफगान पुलिसकर्मियों और एक स्थानीय सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई है, हालांकि दूतावास के सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं. हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कुल 17 नागरिक घायल हुए हैं.
2014 में अफ़ग़ानिस्तान से विदेशी सेना की वापसी शुरू होगी.
सुरक्षा घेरे को नुकसान
"वाणिज्य दूतावास के सभी व्यक्ति सही-सलामत हैं"
-प्रवक्ता, अमरीकी वाणिज्य दूतावास
अफ़ग़ान सेना के एक प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि आरंभिक विस्फोट से अमरीकी वाणिज्य दूतावास के बाहरी सुरक्षा घेरे को नुकसान पहुंचा. इसके चलते हमलावर परिसर के अंदर प्रवेश करने में कामयाब हो गए और दूतावास के भवन की ओर गोलियाँ दागने लगे.
नाटो की अगुवाई वाले अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) ने ट्वीट किया है कि वाणिज्य दूतावास सुरक्षित है और "सभी दुश्मनों को मार दिया गया है."
ट्वीट में बताया गया है कि मौके पर आईएसएएफ और अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल के जवान मौजूद हैं.
बीबीसी के डेविड लॉयन ने काबुल से बताया कि यह हमला अमरीका पर हुए 9/11 हमले की बरसी को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इससे पता चलता है कि 9/11 के 12 साल बाद भी विद्रोही अफ़ग़ानिस्तान में गड़बड़ी फैलाने की क्षमता रखते हैं.
जानमाल का नुकसान
हमारे संवाददाता ने बताया कि हमले में दो अफगान पुलिस और एक स्थानीय सुरक्षाकर्मी की मौत हुई है, जबकि महिलाओं और बच्चों सहित कुल 17 नागरिक घायल हुए हैं.
अमरीकी दूतावास के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि, "वाणिज्य दूतावास के सभी व्यक्ति सही-सलामत हैं."
हेरात ईरान की सीमा के करीब है और यह इलाका हाल के दिनों में आमतौर से शांतिपूर्ण रहा है.
इस महीने की शुरुआत में तालिबान ने पूर्वी अफगानिस्तान के तोरखम में अमरीकी छावनी पर हमला किया था. लंबे समय तक चली इस गोलीबारी की घटना में तीन विद्रोहियों की मौत हो गई थी.
International News inextlive from World News Desk