समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़, बंधक की पहचान अभी नहीं हो पाई है क्योंकि दूतावास को बंधक से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है.
हालांकि अमरीका के 85 वर्षीय मेरिल न्यूमैन को कई हफ़्ते पहले उत्तर कोरिया में बंधक बनाए जाने की ख़बरें मिली थीं. उनके बारे में भी अभी तक कोई सुराग़ हाथ नहीं लगा है.
अमरीका को अपने नागरिक को बंधक बनाने की ख़बर स्वीडन के अधिकारियों के ज़रिए मिली, जो अमरीका के लिए विदेश मामले देखते हैं क्योंकि अमरीका के उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं.
अमरीकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता का कहना है कि प्योंगयांग स्थित स्वीडन दूतावास इस अमरीकी नागरिक से मिलने की दैनिक आधार पर मंज़ूरी मांगता रहा है.
पहचान की पड़ताल
जेफ़्री न्यूमैन का कहना है कि उनके पिता मेरिल कोरियाई युद्ध में शामिल हुए थे. उनके मुताबिक़ मेरिल अपने एक दोस्त के साथ ट्रैवल एजेंट के ज़रिए उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए थे.
अमरीकी अधिकारियों ने इस मामले की अलग से पुष्टि नहीं की है लेकिन उत्तर कोरिया से इस 'मसले के समाधान' का आह्वान किया है.
जेफ़्री का यह भी कहना है कि बंधक बनाए जाने से एक दिन पहले मेरिल ने उत्तर कोरिया के अधिकारियों के साथ कोरियाई युद्ध के अपने अनुभव साझा किए थे.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में जेफ़्री ने कहा कि मेरिल न्यूमैन नाम के ही एक अन्य व्यक्ति को कोरियाई युद्ध के दौरान सेवाओं के लिए सिल्वर स्टार मेडल से नवाज़ा गया था और हो सकता है कि उनके पिता को ग़लत पहचान की वजह से पकड़ लिया गया हो.
अमरीकी विदेश विभाग ने अपने नागरिकों के लिए उत्तर कोरिया की यात्रा संबंधी परामर्श में इस हफ़्ते कहा है कि उन्हें वहां गिरफ़्तारी का सामना करना पड़ सकता है और लंबे समय तक बंधक रहना पड़ सकता है.
एक अन्य अमरीकी नागरिक केनेथ बेई को नवंबर 2012 से उत्तर कोरिया में बंधक बनाकर रखा गया है.
अमरीकी सैनिकों ने 1950-1953 के कोरियाई युद्ध में दक्षिण कोरिया का साथ दिया था, जिसमें कम से कम बीस लाख लोग मारे गए थे.
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