कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। UPI overspending in India: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के आने के बाद लोगों को बड़ी राहत मिली है। एक तरफ जहां डिजिटल तरीके से खरीदारी करने से कैश की समस्या खत्म हो गई है, तो वहीं इससे लोगों का फिजुलखर्च भी बढ़ा है। लोगों को शॉपिंग मॉल से लेकर सब्जी के दुकानों में यूपीआई के द्वारा आसानी से डिजिटल पे करने की सुविधा मिल गई है। इस ऑनलाइन पेमेंट की वजह से लोगों को एहसास नहीं हो पाता कि पैसा ज्यादा खर्च हो रहा है। इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम की अगर पॉजिटिव साइड से देखें तो लोगों की कैश की समस्या खत्म हुई, वहीं इसके निगेटिव साइड पर बात करे तो न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने एक्सपर्ट के हवाले बताया कि, लोगों को यूपीआई से फिजूलखर्ची की आदत लग गई है। जिसकी वजह से लोग ऐसे सामानों की खरीद लेते है, जिनकी उन्हें वास्तव में उस समय जरूरत नहीं होती।

यूपीआई से क्यों बढ़ा फिजुलखर्च
अगर बात करें UPI/QR कोड से सामान खरीदने की तो सबसे ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल खरीदारी के लिए किया जाता है। क्योंकि देश भर के करोड़ों लोगों के पास आज के समय में स्मार्टफोन और डेटा है। जिससे वो आसानी से किसी भी चीज को खरीद लेते है, जो कि फिजूलखर्ची का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। हाल ही में IIT दिल्ली ने इस पर सर्वे किया था, जिस पर उन्होंने बताया कि 74% लोग जरूरत से ज्यादा खर्च यूपीआई और अन्य डिजिटल पेमेंट के कारण कर रहे है। वहीं सर्वे में डिजिटल और कैश पेमेंट को कंपेयर कर बताया गया कि कैश पेमेंट में चेंज की समस्या रहती थी। अगर किसी को कोई सामान खरीदना हुआ और उस समय उनके पास पैसे नहीं हुए तो लोग खरीदारी से रुक जाते थे। लेकिन, डिजिटल पेमेंट में कोई दिक्कत नहीं होती, क्योंकि आपका बैंक अकाउंट सीधे आपके स्मार्टफोन से जुड़ा होता है, जिससे लोग काफी आसानी से कोई भी सामान जरूरत या फिर बिना जरूरत के खरीद लेते हैं।

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