कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। उत्तर प्रदेश में टीचर्स के लिए रोज ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करने को लेकर शिक्षकों के लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बायोमेट्रिक्‍स अटेंडेंस व्यवस्था को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है। राज्‍य सरकार के सूत्रों से बताया जा रहा है, अब इस मामले पर एक एक्‍सपर्ट कमेटी बनाकर डीटेल में चर्चा की जाएगी उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा कि ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्‍टम किस तरह लागू करना है।

क्या है ऑनलाइन अटेंडेंस का पूरा मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते दिनों एक नयी व्यवस्था लागू की थी जिसमें परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति यानि बायोमेट्रिक्‍स अटेंडेंस दर्ज करानी होगी। सरकार के इस फैसले को लेकर प्रदेश के शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया और तब से लगातार होते प्रदर्शन एवं विपक्ष की लगातार प्रतिक्रियाओं के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिलहाल के लिए इस व्यवस्था को स्थगित करने का फैसला लिया है। यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ शिक्षक संगठनों की बैठक के बाद लिया गया है।

क्या है आगे का प्लान
सरकार ने भले ही ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया हो लेकिन अपने फैसले को रद्द नहीं किया है। सरकार का कहना है कि अब इस व्यवस्था पर ठीक से चर्चा करने के लिए एक कमेटी बनायी जाएगी,जिसमें बड़े बड़े अधिकारियों के साथ साथ कई शिक्षाविद भी शामिल होंगें, इन सभी लोगों से बात करके उनके सुझाव लेकर ही अब इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

सरकार के एक्शन पर क्या रहा रिएक्शन
8 जुलाई से हो रहे टीचर्स के लगातार प्रदर्शन के बाद आए सरकार के फैसले से शिक्षक संघ खुश हैं, इसी बीच उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है।

सरकार के फैसले पर विपक्ष का रूख
यूपी सरकार के ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा था फिर चाहे कांग्रेस हो या सपा हो और हाल ही में मायावती ने भी एक्स पर एक पोस्ट करते हुए सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष शुरुआत से ही सरकार के फैसले के पक्ष में नहीं था और लगातार शिक्षकों के विरोध का समर्थन कर रहा था।

मायावती ने क्‍या कहा
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पोस्ट मे लिखा है कि, बिना तैयारी के शिक्षकों पर ऑनलाइन हाजिरी को थोपा जाना ठीक नहीं है। परिषदीय स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है। शिक्षकों के भी पद बड़ी संख्या में खाली हैं। ऐसे मे पहले शिक्षकों के खाली पद भरे जांए, ताकि अच्छी गुणवत्ता की पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।

National News inextlive from India News Desk