- यूपी एसटीएफ व वाणिज्य कर की संयुक्त टीम ने पकड़ा प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा जीएसटी घोटाला

- लखनऊ, प्रतापगढ़ और नोएडा में 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी

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LUCKNOW: यूपी एसटीएफ और वाणिज्य कर विभाग की संयुक्त टीम ने बोगस इनवाइसिंग के  जरिये 13.09 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का राजफाश किया है। लखनऊ, नोएडा व प्रतापगढ़ में चार कंपनियों के 10 ठिकानों में एक साथ की गई छापेमारी में टीमों ने छह टेराबाइट डाटा सीज किया है। प्रदेश में जीएसटी के अब तक के सबसे बड़े घोटाले का खुलासा करने वाली टीमों का दावा है कि अभी घोटाले की रकम का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। फिलहाल छापेमारी के दौरान डीटीएच व मोबाइल रीचार्ज का व्यवसाय करने वाली इन कंपनियों में से एक के संचालक ने टैक्स चोरी की बात कुबूल की है।

करोड़ों की इनवाइस से गहराया शक

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, वाणिज्य कर विभाग की टैक्स इनवेस्टिगेशन यूनिट ने डीटीएच व मोबाइल रीचार्ज व्यवसाय में डील करने वाले कुछ मल्टी रीचार्ज सर्विस प्रोवाइडर्स के 10-10 करोड़ रुपये से ज्यादा आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) इनवाइस देखकर शक गहराया। जिस पर यूनिट ने इन कंपनियों द्वारा की जा रही सर्कुलर ट्रेडिंग की पड़ताल में पाया कि कुछ कंपनियां बोगस इनवाइसिंग करके राज्य व केंद्र सरकार को करोड़ों रुपये के जीएसटी का नुकसान पहुंचा रही हैं। ऑनलाइन किये जा रहे इस फ्रॉड की जांच के लिये वाणिज्य कर विभाग ने यूपी एसटीएफ की मदद मांगी थी।

बिजनेस मॉडल की जांच में लग गए 45 दिन

शुरुआती जांच में बड़े घोटाले के सुराग मिलने लगे। जिस पर डिप्टी एसपी एसटीएफ पीके मिश्र व टैक्स इनवेस्टिगेशन यूनिट के ज्वाइंट कमिश्नर संजय कुमार पाठक की संयुक्त टीम ने इस बिजनेस मॉडल की पड़ताल शुरू की। 45 दिन चली पड़ताल में पता चला कि लखनऊ के साथ प्रतापगढ़, नोएडा, खीरी की कुछ कंपनियां इस तरह की बोगस इनवाइसिंग कर रही हैं। कंपनियां चिन्हित होने पर टीम ने शुक्रवार देररात लखनऊ, नोएडा व प्रतापगढ़ में चिन्हित कंपनियों पर एक साथ छापा मारा। इस छापेमारी में 100 से ज्यादा अधिकारी शामिल थे।

फंसता देख कुबूला जुर्म

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित राउंड पे ग्रुप कंपनी में छापेमारी के दौरान पड़ताल में पता चला कि इस कंपनी ने अपने ही ग्रुप की दूसरी कंपनी से 72.7 करोड़ की खरीद दिखाते हुए 13.09 करोड़ रुपये आईटीसी का दावा किया। जांच टीम ने जब इन दोनों कंपनियों द्वारा आपस में की गई खरीद फरोख्त से संबंधित इनवाइस मांगी गई तो कंपनी के डायरेक्टर व कर्मचारी टालमटोल करने लगे। आखिरकार लंबी पड़ताल के बाद सामने आया कि दोनों कंपनियों ने वास्तव में कोई खरीद बिक्री न कर चोरी की मंशा से जीएसटी पोर्टल पर 72.7 करोड़ की आपस में खरीद-बिक्री दिखाई गई और 13.09 करोड़ की बोगस आईटीसी का दावा किया गया। सख्त पूछताछ में खुद को फंसता देख कंपनी के डायरेक्टर ने लिखित रूप से 13.09 करोड़ रुपये की देनदारी कुबूल कर ली।

बढ़ेगा घोटाले की रकम का आंकड़ा

एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान राजधानी के गोमतीनगर स्थित राउंड पे ग्रुप के अलावा इंदिरानगर स्थित ई-मनी, आलमबाग स्थित मेसर्स वेलकम कम्युनिकेशन, पट्टी प्रतापगढ़ स्थित रवि एंड ब्रदर्स और राउंड पे ग्रुप से संबंधित क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर कंपनी नोएडा से कुल 10 कंपनियों का छह टेराबाइट डाटा बैकप सीज किया। उन्होंने बताया कि इतनी भारी मात्रा में डाटा की जांच में लंबा वक्त लगेगा। हालांकि, इस जांच में अभी घोटाले की रकम में और भी इजाफे का अनुमान है।

क्या होता है आईटीसी?

टैक्स इनवेस्टिगेशन यूनिट के ज्वाइंट कमिश्नर संजय कुमार पाठक ने बताया कि मान लीजिए 100 रुपये का कच्चा माल बिस्किट लगेगा। बनाने के लिये कारोबारी खरीदने गया। इस पर कच्चा माल सप्लाई करने वाले ने 12 फीसदी टैक्स चुकाया तो निर्माता को कच्चे माल के लिये 112 रुपये देने पड़े लेकिन, यह 12 रुपये जो टैक्स भरा गया वो लागत से अलग हो गया। अब इस कच्चे माल से निर्माता ने बिस्किट बनाया। उस पर अपना मार्जिन रखा 8 रुपये। इसके बाद निर्माता बिस्किट के थोक विक्रेता को बेचेगा। निर्माता को 18 फीसदी जीएसटी के हिसाब से 108 रुपये पर 19.44 रुपये मिलेंगे।

लागत 100 रुपये ही रहेगी

पहले टैक्स के ऊपर टैक्स लगता था यानी जो टैक्स भरा वो लागत बन जाती थी। लेकिन, जीएसटी प्रणाली में लागत 100 रुपये ही रहेगी। थोक विक्रेता ने जो 19.44 रुपये टैक्स के रूप में चुकाए उसमें 12 रुपये घटा दिये जाएंगे जो निर्माता ने कच्चा माल खरीदते वक्त दिये थे, अब उसे सरकार को चुकाना होगा सिर्फ 7.44 रुपये, यहां जो 12 रुपये बिस्किट बनाने वाले को बचे वही इनपुट टैक्स क्रेडिट है। उन्होंने बताया कि पहले टैक्स चुकाने पर दोबारा टैक्स कम भरने का ये सिस्टम जीएसटी में इसलिए डाला गया है क्योंकि, मौजूदा व्यवस्था में पूरा इंटीग्रेटेड सिस्टम तैयार नहीं है। इसलिए इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्टम की व्यवस्था की गई है।

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चोरी की बात कुबूल की

छापेमारी के दौरान फिलहाल राउंड पे ग्रुप कंपनी ने 13.09 करोड़ रुपये की कर चोरी की बात कुबूल की है। टीमों ने 10 कंपनियों का 6 टेराबाइट डाटा रिकवर किया है। जिसकी गहन जांच के बाद घोटाले की रकम में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है।

अभिषेक सिंह, एसएसपी, एसटीएफ

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