लखनऊ (एएनआई)। कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी विकास दुबे के करीबी जय वाजपेयी पर अब शासन व प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जय वाजपेयी की अवैध रूप से जमा हुई संपत्तियों की जांच करने का अनुरोध किया है। कथित तौर पर जय वाजपेयी कानपुर शहर के बड़े उद्योगपति हैं। उन्होंने कथित तौर पर दुबे के लिए प्रॉपर्टी डीलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में काम किया है। जय वाजपेयी को 22 जुलाई को कानपुर से गिरफ्तार कर किया गया था।
विकास दुबे के पास कारतूस और बारूद पहुंचाया
पुलिस का कहना है जय ने ही बिकरु गांव में मुठभेड़ से पहले विकास दुबे के पास कारतूस और बारूद पहुंचाया था। यह मुठभेड़ 3 जुलाई को हुई थी जिसमें आठ पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार प्रभु ने बताया था कि जय वाजपेयी के खिलाफ आर्म्स एक्ट और 120 बी के तहत आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसएसपी ने कहा कि उनके घर की तलाशी में गायब हुए 20 से अधिक कारतूस पाए गए और जय वाजपेयी लापता गोला-बारूद उनके घर पर कैसे आया, इसका जवाब नहीं दे पाए।
महाकाल मंदिर के परिसर से गिरफ्तार हुआ था
बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे को 9 जुलाई को उज्जैन में मध्य प्रदेश पुलिस ने महाकाल मंदिर के परिसर से गिरफ्तार किया था, क्योंकि कानपुर एनकाउंटर के बाद से फरार था। हालांकि कानपुर लाते समय भागने का प्रयास करने पर 10 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे मुठभेड़ में मार दिया गया था। गैंगस्टर विकास दुबे कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी था, जिसमें हमलावरों के एक समूह ने एक पुलिस टीम पर गोलियां चलाईं, जो उसे गिरफ्तार करने गई थी। मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मी शहीद हुए थे।
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