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LUCKNOW : बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई घटना के बाद राज्य सरकार ने स्थिति को भांपते हुए सभी जिलों के डीएम से दिन ही नहीं, रात में भी सभी बाल गृह, महिला संरक्षण गृह इत्यादि का निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी आगाह किया था कि निरीक्षण करने वाले अधिकारी वहां रहने वाली महिलाओं, बालक और बालिकाओं से अलग-अलग बात करके उनके रहन-सहन, खान-पान, बात-व्यवहार आदि के बारे में गहनता से जानकारी एकत्र करें।

देवरिया कांड ने सबके होश उड़ा दिए
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इनमें रहने वालों का किसी तरह का शोषण न हो रहा हो और उनकी सुरक्षा में कोई चूक न हो। इसमें लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के भी साफ निर्देश थे पर जिलों के डीएम ने इस शासनादेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया। रात तो दूर, दिन में भी किसी डीएम ने इनका निरीक्षण करने की जहमत नहीं उठाई। नतीजतन देवरिया कांड ने सबके होश उड़ा दिए।

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