कानपुर। ऋषि और कृषि राष्ट्र जीवन के मुख्य अधिष्ठान हैं। ऋषि दृष्टि में अनुसंधान व शिक्षा की संस्कृति है। हमारी सरकार ने कार्यभार सम्भालने के तत्काल उपरान्त प्रदेश के लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली ऋण का मोचन करने का निर्णय लिया और इस निर्णय का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया।
खाद्यान्न का रिकाॅर्ड उत्पादन
वर्ष 2020-2021में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 641 लाख 74 हजार मीट्रिक टन एवं तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 13 लाख 90 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है वर्ष 2018-2019 में 581.03 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 604 लाख 15 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ जो अब तक का सर्वाधिक रिकाॅर्ड उत्पादन है। आगामी वर्ष में 61 लाख 43 हजार कुन्तल गुणवत्तापूर्ण बीजों का वितरण किये जाने का लक्ष्य है।
मशीनीकरण को बढ़ावा
किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं होने दी गयी है। आगामी वर्ष में 102 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य रखा गया है। कृषि श्रमिकों की कमी को देखते हुये मशीनीकरण को बढ़ावा देने हेतु अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जाने के लिये 1 हजार 694 कस्टम हायरिंग केन्द्र तथा 305 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना कराकर 40 हजार 606 उन्नत कृषि यंत्रों का अनुदान पर वितरण किया जाना प्रस्तावित है।
पोर्टल से जोड़ेंगे मंडियां
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नैम) योजना के तहत किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिये प्रदेश की 100 मण्डियों में 1 हजार 483 करोड़ 80 लाख रुपये का व्यापार किया गया। प्रदेश की अन्य 25 मण्डियों को ई-नैम पोर्टल से जोड़े जाने की कार्यवाही की जा रही है। मण्डी परिषद द्वारा नवम्बर 2019 तक 2 हजार 363 किलोमीटर लम्बाई के मार्गों की मरम्मत एवं नवीनीकरण का कार्य पूर्ण कराया गया। वर्तमान में 848 किलोमीटर लम्बे मार्गों को गड्ढा मुक्त किये जाने का कार्य प्रगति पर है।
कृषि विज्ञान केंद्रों का संचालन
कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय कैम्पस, आजमगढ़ तथा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय कैम्पस, लखीमपुर-खीरी में पठन-पाठन का कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। प्रदेश में कृषि की नवीनतम जानकारी के प्रचार-प्रसार हेतु 20 नवीन कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है जिसमें से 14 कृषि विज्ञान केन्द्रों का संचालन प्रारम्भ हो गया है।
खाद्य प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण जोर
प्रदेश में बागवानी के समन्वित विकास हेतु समन्वित बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक- 'पर ड्राॅप मोर क्राॅप-माइक्रोइरीगेशन' औषधीय पौध मिशन, बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र में औद्यानिक विकास, गुणवत्ता युक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन आदि महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017, खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण एवं विधायन आदि कार्यक्रम संचालित हैं। इन कार्यक्रमों के अन्तर्गत फल सब्जी प्रसंस्करण, अनाज आधारित उद्योग, दुग्ध, बेकरी आधारित उद्योग आदि क्षेत्र सम्मिलित हैं। उक्त नीति उद्यमिता विकास के साथ ही कृषकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने, रोजगार सृजन एवं मूल्य संवर्द्धन में सहायक सिद्ध होगी।
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