- नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय ने लखनऊ से तलब की रिपोर्ट
- पीड़िता को देखने सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम पहुंची ट्रॉमा सेंटर
- दिन भर चला मीटिंग का दौर, राज्य सरकार की सिफारिश का इंतजार
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LUCKNOW : बेहद हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय ने इसकी रिपोर्ट तलब की है जिसके बाद आनन-फानन में लखनऊ सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच की पांच सदस्यीय टीम ने केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर जाकर पीड़िता को आई चोटों के बारे में डॉक्टर्स से जानकारी एकत्र की। इसके बाद सीबीआई की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीना ने एंटी करप्शन ब्रांच के एसपी राघवेंद्र वत्स और माखी कांड की जांच कर रहे दोनों विवेचक पवन कुमार और गणेश विद्यार्थी से पूरे घटनाक्रम और पीड़िता के बारे में जानकारी ली और सीबीआई के डायरेक्टर ऋषि कुमार शुक्ला को अवगत कराया।
यूपी पुलिस से नाराज सीबीआई
माखी कांड में सीबीआई ने चार एफआईआर दर्ज करने के साथ ही विधायक कुलदीप सेंगर, सहयोगी शशि सिंह, कुलदीप के भाई अतुल समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इन चारों केस में सीबीआई अब तक पांच चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और आगे की जांच जारी है। इनमें से कुलदीप सेंगर और शशि सिंह समेत कुछ आरोपी अभी जेल में हैं। रविवार को रायबरेली में हुई इस घटना के बाद सीबीआई के अफसर यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज भी है। उनका कहना है कि जेल में विधायक का रसूख बरकरार था और पीड़िता के साथ गवाहों को भी लगातार धमकाया जा रहा था, इसके बावजूद पुलिस ने वक्त पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। माखी कांड के एक गवाह की मौत और पीड़िता की बुरी हालत ने सीबीआई की जांच को गहरा झटका दिया है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई रविवार को हुई घटना की जांच करने को तैयार है और उसे राज्य सरकार की सिफारिश का इंतजार है। यही वजह है कि आज ज्वाइंट डायरेक्टर समेत जांच से जुड़े सभी अधिकारी लगातार माखी कांड की स्टेटस रिपोर्ट तैयार करते रहे।
गिरफ्तारी से पहले हाई वोल्टेज ड्रामा
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई ने विगत 12 अप्रैल, 2018 को सुबह 4.30 बजे इंदिरानगर स्थित आवास से दबोचा था। सीबीआई से बचने के लिए विधायक ने अपने सारे फोन स्विच ऑफ कर लिए थे जिसके बाद उनके गनर से संपर्क कर उनका सुराग लगाया गया। सीबीआई ने इसके बाद उनसे 18 घंटे तक सख्त पूछताछ करने के बाद केस दर्ज किया था। उल्लेखनीय है कि सीबीआई की गिरफ्त में आने से पहले विधायक ने एसएसपी लखनऊ के आवास पर जाकर खासा हंगामा किया था। वहीं भाजपा के कई विधायकों ने भी कुलदीप सेंगर के लिए लॉबिंग शुरू कर दी थी। इसके बावजूद राज्य सरकार ने दबाव बढ़ता देख मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी हालांकि हाईकोर्ट ने भी इसकी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए जिसके बाद कुलदीप सेंगर पर कानून का शिकंजा कसता चला गया।
ये केस हुए थे दर्ज
पहला केस
आरोपी- भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, शशि सिंह
आरोप- अपहरण, शादी का दबाव बनाना, नाबालिग के साथ यौन शोषण
धारा- 363, 366, 376, 506 आईपीसी और 3/4 पॉक्सो एक्ट
दूसरा केस
आरोपी- पीड़िता का पिता (माखी थाने पर दर्ज पुरानी एफआईआर को टेकओवर किया गया)
आरोप- जानबूझकर चोट पहुंचाना, आपराधिक घटना अंजाम देना, हथियारों का प्रदर्शन
धारा- 323, 504, 506 आईपीसी और 3/25 आर्म्स एक्ट
तीसरा केस
आरोपी- विनीत, बऊवा, शैलू, सोनू, अज्ञात
आरोप- दंगा फैलाना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, आपराधिक कृत्य करना
धारा- 147, 323, 504
चौथा केस
आरोपी- अवधेश तिवारी, शुभम
आरोप- अपहरण, जबरन शादी के लिए महिला का अपहरण करके गायब करना
धारा- 363, 366, 376-डी, पॉक्सो एक्ट
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के एक्सीडेंट की सीबीआई जांच, जानें पुलिस से कहां-कहां हुई चूक
टाइम लाइन
4 जून 2017- पीड़िता ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया
11 जून 2017- पीड़िता अचानक गायब हुई, परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी
20 जून 2017- पीड़िता को औरैया के एक गांव से बरामद कर उन्नाव लाया गया
22 जून 2017- पीड़िता ने अदालत में दिए बयान में पुलिस पर विधायक को बचाने का आरोप लगाया
03 जुलाई 2017- पुलिस प्रताड़ना से परेशान पीड़िता दिल्ली गई। सीएम से विधायक की शिकायत की
24 फरवरी 2018- पीड़िता की मां ने उन्नाव की सीजीएम कोर्ट में एफआईआर की अर्जी प्रस्तुत की
03 अप्रैल 2018- पीड़िता का पिता उन्नाव आया, शाम को विधायक के भाई ने पीटकर पुलिस को सौंपा
05 अप्रैल 2018- पीड़िता के पिता को जेल भेजा, उसने विधायक के भाई पर मारपीट का आरोप लगाया
08 अप्रैल 2018- पिता की जिला अस्पताल में मौत, छह पुलिसकर्मी सस्पेंड, ज्यूडिशियल जांच शुरू
10 अप्रैल 2018- विधायक का भाई अतुल गिरफ्तार, छह पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया
13 अप्रैल 2018- इलाहाबाद हाईकोट ने पीड़िता की शिकायत पर मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए
12 अप्रैल 2018- सीबीआई ने विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया, तीन केस और दर्ज किए गये
14 अप्रैल 2018- विधायक कुलदीप सेंगर गिरफ्तार, तब से लगातार न्यायिक अभिरक्षा में जेल में
21 नवंबर 2018- पीड़िता का चाचा गिरफ्तार, जिला पंचायत चुनाव में फायरिंग का आरोप था
26 दिसंबर 2018- माखी थाने में पीड़िता और परिवार पर सामूहिक दुष्कर्म मामले में फर्जी दस्तावेज पर केस
03 फरवरी 2019- पीड़िता के चाचा को उन्नाव जेल से रायबरेली जेल में शिफ्ट करने का आदेश
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