नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के एक दूसरे मामले में फैसला सुनाया है। तीस हजारी कोर्ट उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव दुष्कर्म कांड में पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में हुई मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अदालत ने कुलदीप सेंगर के अलावा उसके भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह, कामता प्रसाद (सब इंस्पेक्टर), अशोक सिंह भदौरिया (एसएचओ), विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह और शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह को भी दोषी करार दिया।
Delhi's Tis Hazari Court holds guilty the 7 accused including expelled BJP MLA Kuldeep Singh Senger (who is already convicted in rape case) for the custodial death of Unnao rape victim's father; 4 other acquitted by the Court pic.twitter.com/XJtEw9UDQV
— ANI (@ANI) March 4, 2020
दुष्कर्म के मामले में कुलदीप को हो चुकी सजा
वहीं कोर्ट से बरी हुए लोगों में शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, अमीर खान, कॉन्स्टेबल और शरदवीर सिंह शामिल हैं। 9 अप्रैल 2018 को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई। वहीं इसके पहले तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर को मुख्य आरोपी सेंगर को भारतीय दंड संहिता और पोक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। अदालत ने दुष्कर्म के मामले में कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता की मां को बतौर हर्जाना 10 लाख रुपये अतिरिक्त देने का आदेश दिया था।
सीएम आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास
उन्नाव पीड़िता के साथ कथित तौर पर 2017 में तत्कालीन बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर द्वारा अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था। घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी। यह मामला तब चर्चा में आया जब 8 अप्रैल, 2017 को पीड़िता ने लखनऊ में सीएम योगी के सरकारी आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। पीड़िता ने यह कदम कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर द्वारा अपने पिता की पिटाई के बाद उठाया था। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई थी। यूपी के बांगरमऊ से चार बार के भाजपा विधायक सेंगर को अगस्त 2019 में भाजपा से निकाल दिया गया था।
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