1- 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे जैसे ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की आज रात 12 बजे के बाद 500 और 1000 के नोट बैन हो जाएंगे। इस सूचना से पूरे भारत में मानो भूचाल आ गया हो लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली इस फैसले को एक देश हित के साथ एक अहम बदलाव के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले हमेशा यही कहा जाता था कि सब कुछ ‘चलता है’ पर नोटबंदी ने सब कुछ बदल कर रख दिया। देश में फैले भष्टाचार से जनता परेशान थी। वो इन सब से छुटकारा चाहती थी।
2- ब्लैकमनी भ्रष्टाचार की ही देन थी जिसे नोट बंदी ने तोड़कर रख दिया। देश के आमलोग यह बर्दाश्त नहीं करना चाहते थे जो इस दौरान दिखा भी। वैसे भी हमारी सरकार इसी वादे के साथ सत्ता में आई थी और इसे पूरा भी करना था। पार्टी जैसे ही सत्ता में आई पहला फैसला ब्लैकमनी पर एसआईटी बनाने का किया। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहले भी कई बार कह चुका है पर हमेशा से इस विषय को टाला जा रहा था।
3- सरकार ने इस दौरान शेल कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की है। जिनका कोई आधार नहीं था। उन्हें ब्लैकमनी सजोन के लिए ही तैयार किया गया था। सरकार ने 2.97 लाख शेल कंपनियों को नोटिस दिया गया और बाद में 2.24 पर कार्रवाई कर डी-रजिस्टर्ड कर कर दिया गया। हमने सबसे पहला यही काम किया। पिछले 28 सालों से धूल खा रहे बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट को भाजपा ने केन्द्र में आते ही लागू कर दिया।
4- सरकार ने सत्ता में आने के बाद से लगातार भष्टाचार और ब्लैकमनी के खिलाफ अभियान चला रखा है। जीएसटी इसकी अहम कड़ी है। नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर अब यह बहस शुरू हो गई कि देश ने क्या पाया-क्या खोया। क्या वाकई यह अपने मकसद को पा सकी। सरकार ने इसका एक मकसद कैश लैस इकोनॉमी रखा था। दूसरा मकसद ब्लैक मनी से छुटकारा। जहां तक कैश लैस मनी का सवाल है तो आंकड़े साबित कर रहे हैं कि इस लक्ष्य को पाया गया है।
5- आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पाया गया है कि इस साल अप्रैल से सितंबर के दौरान पिछले साल के इसी समय की तुलना में सिस्टम में करीब 3.89 लाख करोड़ रुपए कम है। इसके अलावा नोटबंदी के बाद सारा पैसा बैंकिंग सिस्टम में आ गया है। मतलब अब सभी पैसों का विवरण सिस्टम में मौजूद है। जेटली ने अपने ब्लाग में लिखा है कि इस दौरान 1.6 से लेकर 1.7 लाख करोड़ रुपए के संदिग्ध ट्रांजैक्शन का पता चला है। टैक्स अफसर लगातार इसकी जांच कर रहे हैं। इसके अलावा शुरुआत से पूरे डाटा की जांच की जा रही है।
6- कैश सीज करने की कार्रवाई भी बड़े पैमाने पर की गई है। अघोषित आय का बड़ी मात्रा में पता लगाया गया है। अभी तक 29213 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया है। 5 अगस्त 2017 तक 56 लाख और व्यक्तिगत आयकरदाताओं ने रिटर्न फाइल किया है। पिछले साल यह बढ़ोत्तरी 22 लाख की थी।
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