रीजनल लैंग्वेजेज में भी होंगे डोमेन नेम
शुरुआत में यह डोमेन आठ भाषाओं को कवर करेगा- हिंदी, बोडो, डोंगरी, कोंकणी, मैथिली, मराठी, नेपाली और सिंधी. ये सभी भाषाएं इंडियन कांस्टीट्यूशन के आठवें शेड्यूल में हैं.
क्या है मकसद?
डोमेन डॉट भारत का मकसद है आम लोगों को इंटरनेट और सोशल मीडिया से जोड़ना और रीजनल लैंग्वेज में कंटेट अवेलेबल कराना. इससे उन लोगों को खास फायदा होगा जो इंग्लिश में कंफर्टेबल फील नहीं करते. इतना ही नहीं इससे ई-गवर्नेंस को भी प्रोमोट किया जा सकेगा जिससे सिस्टम में ट्रांसपैरेंसी आएगी. इसके अलावा गांवों और छोटे शहरों में लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढेंगे.
दो साल लगे डोमेन बनने में
डॉट भारत को बनाने में नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग दोनों ने मिलजुलकर कोशिश की. इन्होंने डोमेन को बनाने के लिए दो साल तक काम किया है. नया डोमेन .in, .com जैसे डोमेन नेम्स को रिप्लेस करेगा.
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