नई दिल्ली (एएनआई/पीटीआई)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पेश किए गए बजट में देश की रक्षा पर काफी खर्च किया। पिछले साल की तुलना में रक्षा बजट में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो कि 5.94 लाख करोड़ रुपये है। जबकि पिछले साल 5.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए थे। आधुनिकीकरण बजट भी पिछले वित्त वर्ष के 1.52 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वित्त वर्ष में 1.62 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। आधुनिकीकरण बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारतीय फर्मों से हथियार प्रणालियों और उपकरणों के अधिग्रहण के लिए होगा। आधुनिकीकरण बजट में वृद्धि केवल लगभग 6.5 प्रतिशत है जिसे केवल एक मामूली वृद्धि माना जाता है।
नए हथियार खरीदने के लिए 1.62 लाख करोड़ रुपये आवंटित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में पूंजीगत खर्च के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं जिसमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदना शामिल है। 2022-23 के लिए, पूंजी खर्च के लिए बजटीय आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान में खर्च को 1.50 लाख करोड़ रुपये दिखाया गया है। 2023-24 के बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व खर्च के लिए 2,70,120 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जिसमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर खर्च शामिल है।
रक्षा पेंशन के लिए अलग से बजट
2023-24 के बजट में, रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए पूंजी खर्च 8,774 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि पूंजी परिव्यय के तहत 13,837 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। रक्षा पेंशन के लिए अलग से 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। पेंशन परिव्यय सहित कुल राजस्व व्यय 4,22,162 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, रक्षा बजट का कुल आकार 5,93,537.64 करोड़ रुपये है।
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