तमाम चुनौतियों से रूबरू वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आत्मनिर्भर डिजिटल इंडिया का डिजिटल बजट पेश किया है। आम बजट में सरकार का जोर साफतौर पर डिजिटल इकोनॉमी व उससे जुड़ी तमाम चीजों पर देखा जा सकता है। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा व परिवहन जैसे तमाम क्षेत्रों के डिजिटलाइजेशन पर जोर है। 5जी की शुरुआत के साथ ही भारत एक नए युग में प्रवेश कर जाएगा।
शिक्षा-डिजिटल यूनिवर्सिटी
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही है। यह कदम देश के किसी भी कोने में किसी भी स्टूडेंट तक गुणवत्तापरक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने में प्रभावी साबित हो सकता है। विभिन्न भारतीय भाषाओं व ICT फॉर्मेट में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थान साथ आ सकते हैं। कोविड काल में ऑनलाइन एजूकेशन व लर्निंग का महत्व बढ़ा है।
स्वास्थ्य-आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
डिजिटलाइजेशन आम जन तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आम बजट में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत इसकी झलक देखने को मिलती है। नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के लिए ओपन प्लेटफार्म के रोल आउट की बात कही गई है। जिसमें स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं व स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्री, यूनिक हेल्थ आइडेंटिटी, कंसेंट फ्रेमवर्क व स्वास्थ्य सुविधाओं तक यूनिवर्सल पहुंच सुनिश्चित करने की बात है।
टेलीकॉम-5जी
देश में बहुप्रतीक्षित 5जी मोबाइल सेवा की शुरुआत अगले वित्तीय वर्ष में हो सकती है। डिजिटल सेवाओं व इकोसिस्टम के विकास को अगले पायदान पर ले जाने के लिए 5जी जरूरी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता 2022-23 में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर सकें इसके लिए साल 2022 में आवश्यक स्पेक्ट्रम की नीलामी की बात कही है।
रक्षा- अनुसंधान एवं विकास
देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए जारी प्रयासों में यह आम बजट नई कड़ी जोड़ता नजर आता है। इंडस्ट्री, स्टार्टअप्स व शिक्षा जगत के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास (R&D) बजट का 25 प्रतिशत चिह्नित किया जाना महत्वपूर्ण है। इससे रक्षा क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। भविष्य का युद्ध किन आयामों में लड़ा जाएगा इसकी कल्पना ही की जा सकती है। सायबर वारफेयर से लेकर अंतरिक्ष तक नए खतरों से मुकाबले के लिए देश की मेधा का उपयोग जरूरी है।
इंफ्रास्ट्रक्चर-डाटा सेंटर व एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स
डिजिटल इकोनॉमी में सड़क, रेल, पुल, व इमारतें ही इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा नहीं हैं। डाटा सेंटर व एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स का विकास भी उतना ही जरूरी हो चला है। वित्त मंत्री ने आम बजट में इसका ध्यान रखा है। बजट में इन्हें हारमनाइज्ड लिस्ट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल करने की बात कही गई है। इससे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर व क्लीन एनर्जी स्टोरेज के लिए कर्ज लेना आसान हो जाएगा।
वित्त-डिजिटल करेंसी
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के आने से डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। बजट में इससे मुद्रा के प्रबंधन में कुशलता आने व लागत में कमी की उम्मीद जताई गई है। बजट में 2022-23 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के ब्लॉकचेन व अन्य तकनीक का उपयोग कर डिजिटल रुपया लाने का प्रस्ताव है।
यातायात-रियल टाइम डाटा
विभिन्न माध्यमों से माल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए सभी को यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म (ULIP) पर लाने का प्रस्ताव है। यह उनके बीच डाटा के रियल टाइम आदान-प्रदान को सुगम बनाएगा। इसी तरह यात्रियों की आवाजाही आसान बन सके इसके लिए ओपन सोर्स मोबिलिटी स्टैक का भी प्रस्ताव है।
कृषि-पीपीपी मॉडल व ड्रोन
कृषकों तक डिजिटल व हाई टेक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित हो सके इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के रिसर्च इंस्टीट्यूट व निजी क्षेत्र के एग्री टेक प्लेयर्स व अन्य स्टेकहोल्डर्स को साथ लाकर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है। क्रॉप असेसमेंट, लैंड रिकार्ड के डिजिटाइजेशन, कीटनाशकों व पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए कृषि ड्रोन के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने की बात बजट में कही गई है।
श्रम-स्किल डेवलपमेंट-स्टार्टअप
ऑनलाइन ट्रेनिंग के जरिए लोग अपने कौशल को बेहतर बना सकें इसके लिए आम बजट में DESH-Stack ई-पोर्टल लांच करने की बात कही गई है। इसमें एपीआई की मदद से संबंधित नौकरियों या उद्ममिता अवसरों तक पहुंच आसान बनाने की बात भी कही गई है। वहीं ड्रोन शक्ति व ड्रोन एज ए सर्विस (DrAAS) को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किए जाने की बात कही गई है। सभी राज्यों में चुनिंदा आईटीआई में इसके लिए आवश्यक पाठ्यक्रम शुरू करने की बात बजट में कही गई है।
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