नई दिल्ली (पीटीआई)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण पढ़कर इतिहास रच दिया। हालांकि, वह आखिर में अस्वस्थ भी हो गईं। अस्वस्थ महसूस करते ही उन्होंने अपना बजट भाषण थोड़ा छोटा कर दिया। बावजूद इसके उन्होंने अब तक तक का सबसे लंबा भाषण पढ़कर इतिहास जरूर बना दिया। उन्होंने लगभग दो घंटे 40 मिनट तक बजट भाषण दिया। बता दें कि उन्होंने लोकसभा में 11 बजे से बजट भाषण पढ़ना शुरू किया और लगभग 1.40 बजे तक जारी रखा।
जसवंत सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा
वहीं, जुलाई 2019 में निर्मला सीतारमण ने अपना बजट भाषण दो घंटे 17 मिनट पढ़ा था। इससे पहले यह रिकॉर्ड जसवंत सिंह के नाम था। उन्होंने 2003 में 2 घंटे 15 मिनट तक बजट भाषण पढ़ा था।बजट पेश करते हुए अपने उद्बोधन के आखिर में जब दो-तीन पृष्ठ पढ़ने शेष रह गए तो उनको असहज महसूस होने लगा। उनके माथे पर पसीना निकलने लगा। अगल-बगल बैठे उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों ने उनको मीठी चाकलेट-टाफी खाने को दी, किंतु इससे भी उनको कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अपना बजट भाषण खत्म करने और पूरा भाषण पढ़ा जाना मानने की अनुमति मांगी। अध्यक्ष ने इसकी अनुमति दे दी और सदन में उनका पूरा बजट भाषण पढ़ा मान लिया गया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से उसे पढ़ा मानकर सदन के पटल पर रख दिया।
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1:30 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई
वित्त मंत्री ने उच्च सदन राज्यसभा में भी अगले वित्त वर्ष के लिए बजट दस्तावेज रखे। बजट दस्तावेज रखने के लिए लगभग 1:30 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। कुछ ही देर में कार्यवाही स्थगित कर दी गई, क्योंकि उस दौरान लोकसभा में वित्त मंत्री अपना भाषण पढ़ रही थीं। उच्च सदन की कार्यवाही 1:55 पर फिर शुरू हुई, लेकिन वित्त मंत्री के देर से पहुंचने के कारण दस मिनट बाद फिर स्थगित कर दी गई। जब वह सदन पहुंची तो कई सदस्य उनके पास आए और उनकी तबीयत के बारे में पूछा। उच्च सदन में बजट दस्तावेज रखने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।