स्टैंडर्ड डिडक्शन से थोड़ी राहत लेकिन लांग टर्म पर टैक्स लगाकर छीना
सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन 40 हजार रुपये तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन की अनुमति देकर राहत के नाम का झुनझुना जरूर पकड़ा दिया है। इसका फायदा करीब 2.5 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा। अब कर्मचारी और पेंशनर्स ट्रांसपोर्ट और मेडिकल खर्च पर यह छूट प्राप्त कर सकते हैं। सरकार ने इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड के लांग टर्म कैपिटल गेन पर 10 फीसदी टैक्स लगा दिया है। यह टैक्स 1 लाख रुपये से अधिक पर देय होगा।
वरिष्ट नागरिकों की बल्ले-बल्ले, ईलाज और ब्याज पर टैक्स की राहत
सीनियर सिटीजंस पर सरकार ने मेहरबानी दिखाई है। अब वे एफडी बचत पर मिलने वाली 50 हजार रुपये की ब्याज की रकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। पहले उन्हें सिर्फ 10 हजार के ब्याज पर ही छूट मिलती थी। साथ ही उन्हें गंभीर बीमारियों पर होने वाले खर्च की सीमा बढ़ा कर 1 लाख रुपये कर दी है। अब उन्हें इतनी राशि तक के ट्रीटमेंट खर्च पर राहत मिलेगी।
इनकम टैक्स स्लैब की दरें
इनकम टैक्स स्लैब (60 साल से कम उम्र वालों के लिए)
2.5 लाख रुपये तक 0%
2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक 5%
5 लाख से 10 लाख रुपये तक 20%
10 लाख से ऊपर रुपये तक 30%
इनकम टैक्स स्लैब (सीनियर सिटीजन 60-79 साल)
3 लाख रुपये तक 0%
3 लाख से 5 लाख रुपये तक 5%
5 लाख से 10 लाख रुपये तक 20%
10 लाख से ऊपर रुपये तक 30%
इनकम टैक्स स्लैब (80 और उससे ज्यादा उम्र)
5 लाख रुपये तक 0%
5 लाख से 10 लाख रुपये तक 20%
10 लाख से ऊपर रुपये तक 30%
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