न्यूयॉर्क (एएनआई / पीटीआई)। भारत के असम में बाढ़ का प्रकोप अभी कम होने का नाम नहीं हो रहा है। यहां हालात काफी गंभीर है। लाखों लोग इस बाढ़ की वजह से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा यहां 100 से अधिक लोगों की जान चली गई। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र बाढ़ ग्रस्त असम को लेकर भारत सरकार की सहायता के लिए आगे आया है। इस सबंध में सयुंक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को दैनिक प्रेस वार्ता में कहा कि हमें जानकारी मिली है कि मानसून की बारिश से भारत का पूर्वोत्तर राज्य असम और पड़ोसी देश नेपाल इन दिनों भारी बाढ़ की चपेट में है। इसकी वजह से अब तक लगभग 40 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र भारत का सपोर्ट करने के लिए तैयार
ऐसे में यदि आवश्यकता हुई तो संयुक्त राष्ट्र भारत का सपोर्ट करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नेपाल के अधिकारियों ने तराई क्षेत्र में रिवरबैंक और कम भूमि वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से बाढ़ की संभावना के कारण सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, दूरस्थ क्षेत्रों में भूस्खलन की वजह से तलाश और बचाव करना काफी बड़ी चुनाैती है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) प्रभावित समुदायों तक पहुंचने पर काम कर रहा है। इस दाैरान हेलीकॉप्टर वर्तमान में एकमात्र विकल्प हैं। असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जिसमें ब्रह्मपुत्र सहित अधिकांश नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बराक नदी का जल स्तर भी हाल के दिनों में बढ़ रहा
बता दें कि भारी बारिश की वजह से राज्य में कछार जिले से होकर बहने वाली बराक नदी का जल स्तर भी हाल के दिनों में बढ़ रहा है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बाढ़ की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से 24 जिले प्रभावित हुए हैं, राज्य में 109,600.53 हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा है और 24 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इसमें कहा गया है कि बढ़ते जल स्तर ने कुल 2,254 गांवों को प्रभावित किया है। असम सरकार ने बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए जिलों में 276 राहत शिविर और 192 राहत वितरण केंद्र स्थापित किए हैं। इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या राज्य भर में 111 हो गई है।
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