बान की मून ने इस बारे में तो कुछ नहीं कहा कि रासायनिक हमले के लिए कौन ज़िम्मेदार है लेकिन उन्होंने इतना ज़रूर कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने ''मानवता के ख़िलाफ़ कई अपराध'' किए हैं.
उनका कहना था, ''उन्होंने(असद) ने मानवता के ख़िलाफ़ कई अपराध किए हैं और इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि ये सब कुछ समाप्त होने के बाद इसके लिए (रासायनिक हमले) जवाबदेही तय किए जाने की प्रक्रिया होगी. लेकिन इस समय लड़ाई रोकने और बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने के लिए हम सबों को मदद करनी चाहिए. मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि कूटनीति और शांति को मौक़ा दिया जाना चाहिए.''
ग़ौरतलब है कि 21 अगस्त को सीरिया के घाउटा में हुए कथित रासायनिक हमले में 1421 लोग मारे गए थे. इसी की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों का एक दल सीरिया में है.
बीबीसी संवाददाता निक ब्राएंट के अनुसार बान की मून जब यूएन वुमेन इंटरनेशनल फ़ोरम के सामने ये बयान दे रहे थे तब शायद उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके बयान को टीवी पर प्रसारित किया जा रहा था.
उनके संबोधन को यूएन टीवी पर लाइव दिखाया जा रहा था.
रिपोर्ट तैयार
इस बीच रासायनिक हथियारों की जांच कर रहे प्रमुख इंस्पेक्टर इक सेलस्ट्रॉम ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उनकी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है लेकिन इसे कब सार्वजनिक करना है इसका फ़ैसला संयुक्त राष्ट्र महासचिव करेंगे.
यूएन के एक वरिष्ठ राजनयिक ने बीबीसी को बताया कि महासचिव मून सोमवार को न्यूयॉर्क के स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे सुरक्षा परिषद के सामने सीरिया पर यूएन रिपोर्ट को साझा करेंगे.
अमरीकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मैरी हार्फ़ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र निरिक्षकों की रिपोर्ट किसी को ज़िम्मेदार नहीं ठहराएगी लेकिन वो घाउटा की घटना के बारे में उसी बात को स्पष्ट करेगी जो अमरीका शुरू से कहता रहा है.
इस बीच सीरिया में रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में लाने के लिए जेनेवा में अमरीका और रूस के विदेश मंत्रियों के बीच चल रही बातचीत दूसरे दिन भी जारी रही.
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कुवैत के अमीर शेख़ अल-सबाह से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ''मैंने क़ुवैत के अमीर से इस बात का ज़िक्र किया कि मुझे पूरी उम्मीद है कि विदेश मंत्री जॉन केरी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लैवरॉव के बीच जेनेवा में हो रही बातचीत का ज़रूर कोई नतीजा निकलेगा. लेकिन मैंने इस बात को फिर दोहराया कि कोई भी समझौता सत्यापित करने और लागू करने योग्य होना चाहिए.''
जेनेवा बैठक
जेनेवा में हो रही बातचीत के बारे में रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का कहना था, ''हमलोग यहीं रूक रहें हैं, उम्मीद है कि वे लोग आज रात तक इसे पूरा कर लेंगे. शनिवार के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती लेकिन शुक्रवार रात तक बैठक जारी रहेगी.''
जेनेवा में इस बात के लिए बैठक हो रही है कि सीरिया के रासायनिक हथियारों को कैसे अंतरराष्ट्रीय निगरानी में लाकर नष्ट कर दिया जाए.
पिछले महीने 21 अगस्त को सीरिया की राजधानी दमिश्क़ से सटे घाउटा में हुए एक कथित रासायनिक हमले में 1400 से ज़्यादा लोग मारे गए थे. अमरीका का आरोप है कि सीरियाई सेना ने अपने ही नागरिकों के ख़िलाफ़ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था, लेकिन सीरिया इन आरोपों को ख़ारिज करता रहा है.
इस हमले के बाद अमरीकी हमले की आशंका के मद्देनज़र रूस ने प्रस्ताव रखा था कि सीरिया के रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में लेकर नष्ट कर दिया जाए.
सीरिया ने रूस के प्रस्ताव का स्वागत किया था. अमरीका ने भी इस प्रस्ताव को शांति बहाली के लिए एक मौक़ा समझकर अमरीकी संसद में सीरिया पर हमले से संबंधित प्रस्ताव पर विचार को स्थगित कर दिया था.
रूसी प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए अमरीका और रूस के विदेश मंत्री जेनेवा में मुलाक़ात कर रहे हैं.
सीरिया में 2011 में शुरू हुए विद्रोह में अब तक एक लाख से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
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