संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वैटिकन ने 'योजनाबद्ध तरीके' से ऐसी नीतियाँ अपनाईं जिन्होंने पादरियों को हज़ारों बच्चों का यौन शोषण करने का मौका मिला.
संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकारों पर निगरानी रखने वाली संस्था ने कहा है कि वैटिकन को ऐसे तमाम पादरियों को तुरंत हटा देना चाहिए जिन्होंने बाल यौन शोषण किया है या जिन पर यौन शोषण करने का शक है.
संयुक्त राष्ट्र ने समलैंगिकता, गर्भ निरोधक और गर्भपात जैसे मुद्दों पर वैटिकन के नज़रिए की भी आलोचना की.
वैटिकन ने चर्च में बाल यौन शोषण को रोकने के लिए एक जाँच आयोग का गठन किया हुआ है.
रिपोर्ट
रिपोर्ट में चर्च पर बाल यौन शोषण न रोकने के आरोप भी लगाए गए हैं.
बुधवार को ज़ारी अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकार समिति (सीआरसी) ने कहा कि वैटिकन को उन पादरियों की फ़ाइलें फिर से खोलनी चाहिए जिन्होंने बाल शोषण के अपराधों को छुपाया है ताकि उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जा सके.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैटिकन ने अपराधों की गंभीरता को स्वीकार नहीं किया है और इसे लेकर समिति बहुत चिंतित हैं.
पिछले महीने ही वैटिकन के अधिकारियों से सार्वजनिक रूप से सवाल किए गए थे कि वे अपराधियों के बारे में जानकारियाँ क्यों नहीं साझा कर रहे हैं और भविष्य में बाल यौन शोषण को रोकने के लिए वे क्या कर रहे हैं.
दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र ने वैटिकन से बाल यौन शोषण के संबंध में जानकारियाँ माँगी थी लेकिन वैटिकन ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि किसी दूसरे देश द्वारा क़ानूनी इस्तेमाल के लिए माँगे जाने पर ही जानकारियाँ दी जाती हैं.
जोज़ आंद्रेस मुरिलो के साथ भी एक ईसाई पादरी ने यौन शोषण किया था. उन्होंने इस रिपोर्ट का स्वागत किया.
उन्होंने कहा, "ये अजीब सी बात है कि एक धार्मिक संस्था को शोषण के खिलाफ़ लड़ाई में शामिल नहीं किया जाता लेकिन वो दोषिय़ों को बचाने के काम हिस्सा बन जाती है. तो अभी क्या हो रहा है? संयुक्त राष्ट्र का पीड़ितों के पक्ष में आवाज़ उठाना मानवाधिकारों के बचाव करने को दर्शाता है."
सांतिआगो में आम लोग भी मुरिलो से सहमत हैं
एक व्यक्ति ने कहा, "ये बुरा है, बहुत बुरा है. न्याय होना चाहिए. किसी भी ईसाई को बच्चों का यौन शोषण नहीं करना चाहिए क्योंकि बच्चों को बचाने की ज़रूरत है."
इस दूसरे व्यक्ति का कहना था, "ये अच्छी बात है मामलों की जांच हो रही है ताकि सच बाहर आ सके. जब मैं कैथोलिक गिरिजाघर में था तो मेरे साथ भी यौन शोषण हुआ था. इसलिए मुझे लगता है कि जो हो रहा है, अच्छा हो रहा है."
उधर संयुक्त राष्ट्र में वैटिकन के दूत आर्चबिशप सिल्वानो मारिया तोमासी ने वैटिकन रेडियो को बताया कि ये रिपोर्ट न्यायपूर्ण नहीं है.
सिल्वानो तोमासी का कहना था कि तीन चार हफ़्ते पहले समिति को साफ़ और स्पष्ट सफ़ाई दी गई थी लेकिन समिति ने इसे अपनी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया है.
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