कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Umesh Pal Murder Case : प्रयागराज में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या किए जाने का मामला विधानसभा में गूंजा। शनिवार को विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा। न्यूज एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक प्रयागराज की घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कल जिस तरह से बमों की बौछार की गई, उससे साफ है कि यह सरकार पूरी तरह फेल हो गई है और गैंगवार जैसी स्थिति पैदा हो गई है। क्या यही रामराज्य है जहां सरेआम बंदूकें चल रही हैं? पुलिस पूरी तरह फेल और इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है।


सीएम योगी ने दिया अखिलेश के सवालों का जवाब
इस दाैरान विपक्ष के उठाए सवालों पर जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज की घटना पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही है, लेकिन जो अपराधी इस घटना में शामिल था, क्या उसका पोषण समाजवादी पार्टी ने नहीं किया था? क्या उसे सपा ने सांसद नहीं बनाया था। हम इन माफियाओं को नहीं बख्शेंगे। यह हरकत करने वाला माफिया आज प्रदेश से फरार है, माफिया कोई भी हो, हमारी सरकार प्रदेश में 'माफिया राज' नहीं चलने देगी।


डिप्टी सीएम बृजेश पाठक बोले हम किसी को नहीं बख्शेंगे
वहीं बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड पर यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि यह बहुत दुखदायी है। हम किसी को नहीं बख्शेंगे। एसटीएफ लगी हुई है, सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा, पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा और कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही कहा कि भाजपा के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में चहुंमुखी विकास हो रहा है। सपा के के पास कोई एजेंडा नहीं है इसलिए वह लोगों को गुमराह करने के लिए पुराने मुद्दों को उठा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी जीतेंगे और पीएम बनेंगे।


धूमनगंज एरिया में बेखौफ बदमाशों ने सरेआम गोलियां बरसायीं
बतादें कि कल शुक्रवार को धूमनगंज एरिया में बेखौफ बदमाशों ने सरेआम गोलियां बरसायीं। प्रयागराज ब्यूरो के मुताबिक तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की सरेआम हुई हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात गनर को गोली और बम से छलनी कर दिया गया। घटना में उमेश पाल और एक सरकारी गनर की मौत हो गयी है। एक अन्य गनर की हालत गंभीर है। उसे एसआरएन में भर्ती कराया गया है। राजू पाल हत्याकांड का आरोप माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था। राजू पाल हत्याकांड में गवाही से रोकने के लिए उमेश पाल का अपहरण हुआ था। इसका आरोप भी अतीक एंड कंपनी पर लगा था। इस केस की सुनवाई फाइनल स्टेज पर है। अपहरण के ही केस में शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई थी। कोर्ट से निकलकर घर पहुंचे उमेश पाल और उनके गनर पर घर के बाहर पहले बम और फिर गोली से हमला किया गया। इस घटना को लेकर धूमनगंज इलाके में आक्रोश की लहर दौड़ गयी। नाराज लोगों ने एक वाहन में आग लगा दी। कई वाहनों में तोडफ़ोड़ की। पुलिस चौकी के बाहर आगजनी की। इसके अलावा एसआरएन अस्पताल में भी तोडफोड़ की गयी। देर शाम को तीसरे गनर के भी दम तोड़ देने की सूचना आयी लेकिन पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

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