संसद का कहना है कि इस फ़ैसले पर 16 मार्च को जनमत संग्रह कराया जाएगा.
यूक्रेन की अंतरिम सरकार ने इस मतदान को असंवैधानिक क़रार दिया है.
यूक्रेन में रूस समर्थक सरकार के पतन के बाद से ही मुख्यतः रूसी भाषी क्षेत्र क्राईमिया रूस और यूक्रेन के बीच विवाद के केंद्र में हैं.
इस बीच क्राईमिया में जारी संकट को सुलझाने के लिए रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों के बीच पहली सीधी बातचीत करवाने की अमरीका की कोशिश नाकाम हो गई है.
फ़्रांस की राजधानी पेरिस में हो रही एक अंतरराष्ट्रीय बैठक के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लवारोफ़ ने यूक्रेनी विदेश मंत्री से मिलने से इनकार कर दिया क्योंकि रूस ने यूक्रेन की अंतरिम सरकार को मान्यता नहीं दी है.
लेकिन लवारोफ़ ने अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और अन्य यूरोपीय विदेश मंत्रियों के साथ व्यापक बातचीत की.
बुधवार को पेरिस में लेबनान पर बैठक के दौरान कैरी ने रूस, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के विदेश मंत्रियों से मुलाक़ात की.
'मुश्किल' बातचीत
कैरी ने यूक्रेन के बारे में रूस के विदेश मंत्री के साथ अपनी मुलाक़ात को 'मुश्किल' बताया है लेकिन उन्होंने बातचीत जारी रखने का वादा भी किया है.
कैरी ने कहा कि वह यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए रूस के साथ काम करते रहने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
बाद में एक पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने फिर से दोहराया कि रूस द्वारा यूक्रेन की संप्रभुता के उल्लंघन का 'जवाब दिया जाएगा'.
बातचीत बिना किसी समझौते और रूसी और यूक्रेनी विदेश मंत्रियों के बीच मुलाक़ात के बिना ही ख़त्म हो गई.
पिछले दिनों राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के रूस भागने के बाद यूक्रेन में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था और ऐंड्री डेशचेत्सिया को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया.
कैरी का कहना था कि पेरिस में यूक्रेन और रूस के आमने-सामने बैठने के बारे में उन्हें पहले से ही 'कोई उम्मीद' नहीं थी.
'घरेलू प्रतिक्रिया'
सूत्रों ने बीबीसी को बताया है कि रूस और यूक्रेन बातचीत दोबारा शुरु करने से पहले, अगले कुछ दिन 'घरेलू प्रतिक्रिया' का जायज़ा लेंगे.
बीबीसी की कूटनीतिक मामलों की संवाददाता ब्रिजट कैंडल का कहना है कि दोनों देशों द्वारा कड़े शब्दों का इस्तेमाल शायद बंद न भी हो लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि शायद दोनों के बीच बातचीत मुमकिन है.
उधर क्राईमिया में सीमफ़ेरोपोल स्थित यूक्रेनी नौसेना के मुख्यालय में बंदूकधारियों द्वारा धमकी देने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रतिनिधि रॉबर्ट सैरी को अपना अभियान बीच में ही छोड़कर वहां से जाना पड़ा.
हाल के दिनों में रूस ने रूसी-बाहुल्य वाले क्राईमिया में बड़ी तादाद में सुरक्षाबल भेजे हैं. उसके इस क़दम की पश्चिमी देशों ने निंदा की है.
बुधवार को क्राईमिया में रूस समर्थक सुरक्षाबलों की यूक्रेनी सैन्य संस्थानों की नाकेबंदी जारी रही. पूर्वी शहर डौनेत्स में सैकड़ों रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों ने फिर से स्थानीय सरकारी इमारत पर धावा बोला लेकिन कुछ घंटे बाद उन्हें वहां से निकाल दिया गया.
इस बीच पोलैंड द्वारा क्षेत्र में भविष्य में अस्थिरता के बारे में चिंता जताने के बाद अमरीका ने ऐलान किया है कि वह पोलैंड और बाल्टिक देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाएगा.
और नैटो प्रमुख ऐंडर्स फ़ोग रासमुसेन ने कहा है कि वह रूस के साथ संगठन के सहयोग के बारे में 'पूर्ण समीक्षा' करेंगे.
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