अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से फ़ोन पर कहा कि अस्थिरता के किसी भी रूसी प्रयास की "भारी कीमत" चुकानी पड़ेगी.
दोनों नेताओं ने अगले 10 दिनों के भीतर सीधी बातचीत की संभावना पर भी चर्चा की.
यूक्रेन ने दोनेत्सक, लुहांस्क और खारकीव शहरों की इमारतों पर रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों के क़ब्ज़े के बाद सेना को वहाँ भेजा है.
सोमवार को दोनेत्स्क में रूस समर्थक विद्रोहियों ने सरकारी इमारत पर नियंत्रण कर लिया और 'यूक्रेन से आज़ादी' की घोषणा कर दी है. विद्रोहियों ने 11 मई तक यूक्रेन से अलगाव पर जनमत संग्रह के लिए कहा है.
कुछ दिनों पहले ही यूक्रेन का स्वायत्त क्षेत्र क्राईमिया एक जनमत संग्रह के बाद रूस में शामिल हो गया था. हालांकि यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने इस क़दम का विरोध किया था.
सुरक्षा का अधिकार
रूस ने यूक्रेन से लगने वाली अपनी सीमा पर हज़ारों सैनिकों को तैनात कर रखा है. रूस का कहना है कि हमला करने का उसका कोई इरादा नहीं है, लेकिन उसे रूसी मूल के लोगों की सुरक्षा करने का पूरा अधिकार है.
रूस ने कीएफ़ में सत्ता परिवर्तन को मान्यता देने से मना कर दिया है. फ़रवरी में रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को अपदस्थ कर दिया गया था इसके बाद नए नेतृत्व ने सत्ता संभाली है.
यूक्रेन के अंतरिम राष्ट्रपति ओलेक्सांद्र तुर्चीनोव ने ताज़ा घटनाक्रम को 'यूक्रेन को विखंडित करने की रूसी कोशिश' का नाम दिया है.
राष्ट्रीय टीवी पर अपने संबोधन में तुर्चीनोव ने कहा कि यूक्रेन को अस्थिर करने, सरकार को हटाने और निर्धारित चुनावों को बाधित करने के लिए ये 'रूसी अभियान की दूसरी लहर' है.
वही रूस ने कहा है कि यूक्रेन अपनी सभी परेशानियों के लिए उसे ही ज़िम्मेदार ठहरा रहा है.
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