प्रधानमंत्री कार्यालय ने बीबीसी को बताया कि एस्कॉर्ट एजेंसी 'कार्लटन्स' का अकाउंट एक स्वचालित सिस्टम की वजह से फॉलो हुआ जिसे 2009 में लगाया गया था और कार्यालय ऐसे ग़ैर ज़रूरी अकाउंट्स को अनफॉलो करने की प्रक्रिया में था.

प्रधानमंत्री कैमरन के दफ्तर के मुताबिक फॉलो करने का मतलब ये नहीं है कि पूरे मामले पर प्रधानमंत्री की सहमति थी.

हाल के हफ्तों में सोशल मीडिया पर कई ऐसी लज्जाजनक घटनाएं हुई हैं और अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का नाम भी इसमें शामिल हो गया है.

पिछले महीने विदेश मंत्री विलियम हेग के बारे में भी ऐसा ही अपमानजनक ट्वीट प्रकाश में आया था.

गैर इरादतन

डेविड कैमरन की ट्वीट

डेविड कैमरन के फ़ेसबुक वाले ट्वीट की काफ़ी चर्चा हुई थी.

उस घटना के बारे में कहा गया था कि डेविड कैमरन के अकाउंट को संभालने वाले सहायकों में से किसी एक की ग़लती की वजह से वो वाक़या पेश आया था.

हालांकि एस्कॉर्ट एजेंसी के साथ हुई घटना के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बीबीसी को बताया कि ये पूरा मामला गैर इरादतन है.

"2010 के पहले एक ऐसा सिस्टम लगाया गया था जो खुद ब खुद उस अकाउंट को फॉलो करने लगता था जो प्रधानमंत्री के अकाउंट को फॉलो करता था. कई कॉरपोरेट अकाउंट्स के मामले में ये सामान्य प्रक्रिया थी लेकिन 2009 में इसे बंद कर दिया गया था."

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बीबीसी को बताया, "इस प्रक्रिया की वजह से '@नंबर टेन जीओवी' अकाउंट 370.000 अकाउंट्स को फॉलो करता है, लेकिन हमने ऐसे क़दम उठाए हैं जिससे निष्क्रिय, स्पैम और अनुचित अकाउंट्स अन-फॉलो हो सकें, ये काम अब भी जारी है."

हालांकि बीबीसी कार्लटन ऑफ़ लंदन से इस बारे में बुधवार तक बात नहीं कर सकी.

हालांकि तकनीक से जुड़ी ख़बरिया साइट 'द रजिस्टर' जिसने इस बारे में सबसे पहले ख़बर दी थी, एक एजेंसी सूत्र के हवाले से कहा, "मैं प्रधानमंत्री और उनके ट्विटर अकाउंट के बारे में कुछ भी नहीं जानता."

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