नाम: मलाक अल खातिब, उम्र: 14 साल, आरोप : इजरायली सैनिकों पर हमला, सजा : दो महीने की जेल, जुर्माना : 1500 डॉलर (करीब 92,715 रुपये) ये डिटेल हैं एक मासूम बचची के जिसे पिछले दिनों इजरायली आर्मी कोर्ट में मुकदमें के लिए पेश करके सजा सुनाई गयी. और इस के बाद पूरे फिलिस्तीन में कंट्रोवर्सी स्टार्ट हो गयी है. बीते साल 31 दिसंबर को स्कूल से घर जाते वक्त गिरफ्तार की गई यह स्कूली बच्ची अब फलस्तीन में लड़ाई का प्रतीक बन चुकी है. वेस्ट बैंक में इजरायली सैनिकों पर पत्थर फेंकने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था.  जेल की सजा काट रही इस बच्ची की तस्वीर सोशल मीडिया और फलस्तीनी अखबारों में छाई हुई है. उसके पोस्टर के साथ फलस्तीन की सडक़ों पर लोग घूम रहे हैं और इंटरनेशनल कम्युनिटी का ध्यान इजरायल की क्रुअलटी की ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं.

हृयूमन राइट्स चिल्ड्रेन इंटरनेशनल फलस्तीन के अनुसार हर साल करीब एक हजार बच्चों को पत्थर फेंकने के आरोप में इजरायली सैनिक वेस्ट बैंक में गिरफ्तार करते हैं. फलस्तीनी प्रिजनर्स क्लब के अनुसार इस समय भी दो सौ फलस्तीनी नाबालिग इजरायल की कैद में हैं. इनमें चार लड़कियां हैं. मलाक उनमें सबसे कम उम्र की है. उसकी गिरफ्तारी के बाद फलस्तीनी लीडरशिप ने यूनाइटेड नेशंस को भी लेटर लिखा था. कोर्ट में अपनी बेटी को ठंड से बचाने को बेकरार मलाक की मदर उसके लिए कोट लेकर पहुंची थीं पर मजिस्ट्रेट ने उन्हें अपनी बेटी से मिलने की परमीशन नहीं दी. वहीं मलाक के फादर सवाल कर रहे हैं कि उन्हें समक्ष नहीं आ रहा कि इजरायल जैसा स्ट्रांग कंट्री उनकी 14 साल की बेटी के पीछे क्यों पड़ा है.

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