चश्मदीद ने बताया कि यह झड़प बोर्नो राज्य के काला-बाल्ज इलाक़े में हुई.
प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि स्थानीय लोगों ने एक निगरानी समूह बना लिया था. जिस इलाक़े पर हमला हुआ था वो उस जगह से कुछ ही दूरी पर है जहां पिछले हफ़्ते हुए एक हमले में 300 लोग मारे गए थे.
एक सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि काला-बाल्ज में निगरानी समूह के लोग इस हमले से निपटने के लिए तैयार थे, क्योंकि उन्हें इसकी भनक लग गई थी.
बीबीसी हौसा सेवा से बात करने वाले प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि लड़ाई के बाद इस पूरे इलाक़े में शव बिखरे हुए थे.
इस प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उन्होंने 50 शव एक गांव में देखे और 150 शव एक अन्य गांव में देखे, उनका मानना था कि सभी शव चरमपंथियों के थे.
गांवों के लोगों ने कथित चरमपंथियों की तीन कारें और एक सैन्य वाहन भी छीन लिया.
'हमलों में तीन गुना बढ़ोतरी'
मंगलवार को नाइजीरिया सरकार ने कहा था कि वो बोको हराम चरमपंथियों से बात करने को तैयार है. बोको हराम ने पिछले महीने बोर्नो प्रांत में एक स्कूल से 200 से ज़्यादा लड़कियों का अपहरण कर लिया था.
इन लड़कियों के अपहरण का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया गया है और कई देशों के विशेषज्ञ इन लड़कियों की तलाश में मदद कर रहे हैं.
ठीक एक साल पहले राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने चरमपंथ पर काबू पाने के लिए बोर्नो और इसके पड़ोसी राज्यों अडामावा और योब में आपातकाल लगाया था.
हालांकि ब्रिटेन के ससेक्स विश्वविद्यालय ने जो आंकड़े जुटाए हैं उनके अनुसार चरमपंथी हमलों में मरने वालों की संख्या एक साल में तीन गुना हो गई है.
बोको हराम का हौसा भाषा में मतलब है "विदेशी शिक्षा की मनाही है." बोको हराम के सदस्यों पर गांवों और कस्बों पर हमले करने, बैंक लूटने और हत्याएं करने के आरोप भी लगे हैं.
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