विज्ञापन दिखाना है मुश्किल
इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्क कंपनियों के लिए अपने यूजर बेस को विज्ञापन दिखाने में मुश्किल हो रही है. दरअसल इन कंपनियों ने विज्ञापन रहित सर्विस उपलब्ध कराकर एक बड़ा यूजर बेस हासिल किया है. उदाहरण के लिए इंस्टाग्राम के 300 मिलियन यूजर्स हैं तो 284 मिलियन लोग ट्विटर यूज कर रहे हैं. वहीं वीडियो होस्टिंग साइट यूट्यूब के पास एक बिलियन से ज्यादा बड़ा यूजर बेस है. लेकिन अब इन कंपनियों की समस्या यह है कि वे पारंपरिक रूप में विज्ञापन दिखाकर अपने यूजर्स को लेकर जोखिम नहीं उठा सकती हैं.
ढूढ़ रही हैं गुप्त रास्ते
इन कंपनियों ने विज्ञापन दिखाने के लिए नए रास्तों की खोज करना शुरु कर दिया है. इनकी मदद से कंपनियां अपने यूजर्स को कुछ इस तरह एड्स दिखाना चाहती हैं जिससे उनका एड्स दिखाने का मकसद भी पूरा हो जाए और यूजर्स की संख्या में भी कमी ना हो. यही नहीं इन कंपनियों ने अपनी इन खास टीमों को नए और क्रिएटिव नाम भी दिए हैं. मसलन इंस्टाग्राम ने ऐसे तरीकों खोजने वाली टीम को क्रिएटिव शॉप नाम दिया है. अगर यूट्यूब की बात करें तो गूगल ने अपनी टीम को 'Zoo' नाम दिया है. लेकिन ट्विटर ने अपनी टीम ब्रांड स्ट्रेटजी नाम दिया है.
इंस्टाग्राम ने छुपकर दिखाए एड्स
इन तरीको के आधार पर फोटो शेयरिंग वेबसाइट इंस्टाग्राम ने कुछ नए तरीके के एड्स दिखाना भी शुरु कर दिया है. जैसे इंस्टाग्राम अपनी वेबसाइट पर इस तरह एड्स दिखाती है जो यूजर्स द्वारा शेयर की गई पिक्चर्स प्रतीत होती हैं. हालांकि यूजर्स की सुविधा के लिए एडवर्ट के राइट कॉर्नर पर स्पॉंसर्ड लिखा होता है. दुनियाभर में घूम रही हैं टीमें
इन कंपनियों ने ऐसी टीमों को पूरी दुनिया के विभिन्न मार्केट्स में भेज दिया है. कंपनियों का कहना है कि यह ऐसे इन्नोवेटिव तरीके हैं जिनसे हम वैश्वीकरण, मोबाइल और तकनीक को मिला सकते हैं. हाल ही में ट्विटर ने फ्रांस की ऑटोमोबाइल कंपनी निस्सान के लिए एक कैंपेन चलाया था जिसमें उन्होंने निस्सान के आधिकारिक अकाउंट को फुटबॉल स्कोर देने वाले अकाउंट में तब्दील कर दिया. ज्ञात हो कि इस कंपनी ने UEFA चैंपियंस लीग टूर्नामेंट को स्पॉंसर भी किया था. ऐसे में ब्रांड का टूर्नामेंट के साथ जुड़ा रहना जरूरी थी.Hindi News from Business News Desk
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