नियामक संस्था का कहना है कि पिछले महीने वाइबर और व्हाट्सऐप सहित दूसरे ऑनलाइन मैसेजिंग वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किए गए आदेश का ये विस्तार है।
हाल ही में युद्ध अपराध में दो नेताओं को फांसी के बाद सुरक्षा कारणों से सोशल मीडिया पर पाबंदी का आदेश दिया गया था।
ख़बरों के मुताबिक़ सरकार को आशंका है कि विपक्ष सोशल मीडिया के ज़रिए प्रदर्शनकारियों को गोलबंद कर सकता है।
इससे पहले लोकप्रिय वेबसाइट फेसबुक पर भी पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन फिर व्यापारियों की शिकायत, कि इससे उनके कारोबार पर असर पड़ेगा, के बाद ये पाबंदी हटा ली गई थी।
बांग्लादेश में नवंबर में विपक्ष के दो नेताओं को युद्ध अपराध के अभियोग में फाँसी दे दी गई।
सलाहुद्दीन क़ादिर चौधरी और अली अहसान मोहम्मद मुजाहिद पर 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए स्वतंत्रता युद्ध के दौरान युद्ध अपराध का आरोप था।
अदालत ने इन दोनों को नरसंहार और बलात्कार का दोषी क़रार दिया गया था।
बांग्लादेश में अदालत के इन फ़ैसलों के बाद कई बार विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
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