इस्तीफ़ा देने वाले तीन कैबिनेट मंत्रियों में से एक पर्यावरण मंत्री अर्दोगान बख्तयार ने प्रधानमंत्री रिज़ेप तईप अर्दोगान के इस्तीफ़े की मांग की है.
पर्यावरण मंत्री अर्दोगान बख़्तयार, वित्त मंत्री ज़फर चलयान और गृह मंत्री मोउम्मर गुलैर ने उनके बेटों को हिरासत में लिए जाने के बाद इस्तीफ़े दे दिए हैं.
ये आरोप लगे है कि उन्होंने ग़ैरक़ानूनी तरीके से बड़ी रकम ईरान भेजी थी और निर्माण परियोजनाओं में रिश्वत ली थी. हालांकि तीनों ही नेताओं ने आरोपों से इंकार किया है.
अब इस मामले की जांच पुलिस कर रही है.
इस्तीफ़ा
रिजेप तईप अर्दोगान के पाकिस्तान के दौरे से अंकारा वापस लौटने के बाद ये तीनों मंत्री प्रधानमंत्री के साथ समर्थकों की भीड़ के सामने आए.
एनटीवी टेलीविज़न चैनल को दिए एक टेलीफ़ोन साझात्कार में बख्तयार ने आरोप लगाया कि उन्होंने प्रधानमंत्री अर्दोगान के दबाव में इस्तीफ़ा दिया है.
उन्होंने कहा कि जिन निर्माण परियोजनाओं की जांच हो रही हैं उनमें से "बड़ा हिस्सा" उन परियोजनाओं का है जिन्हें ख़ुद प्रधानमंत्री ने मंज़ूरी दी थी.
उन्होंने आगे कहा, "मैं ये कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री को भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए."
प्रधानमंत्री अर्दोगान को एक बड़ा झटका तब लगा जब सांसद और पूर्व गृह मंत्री इदरीस नईम शाहीन ने कहा कि वो सत्ताधारी एके पार्टी को छोड़ रहे हैं.
'जूतों के डिब्बों में रकम'
ज़फ़र चलयान और मोउम्मर गुलैर के बेटे और सरकारी हाल्कबैंक के सीईओ उन 24 लोगों में से हैं जिन्हें घूसखोरी के आरोपों में गिरफ़्तार किया गया है.
बख़्तयार के बेटे को पहले जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया.
ख़बरों के मुताबिक पुलिस ने हाल्कबैंक के सीईओ के घर से 45 लाख डॉलर यानी करीब 28 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं जो जूतों के डिब्बों में रखे गए थे जबकि 10 लाख डॉलर यानी करीब सवा छह करोड़ से ज़्यादा की रकम मोउम्मर गुलैर के बेटे बारिस के घर से बरामद हुई.
प्रधानमंत्री अर्दोगान ये ऐलान कर चुके हैं कि भ्रष्टाचार की जांच विदेशी और तुर्की की उन ताकतों की साज़िश है जो अगले साल मार्च में होने वाले स्थानीय चुनावों से पहले उनकी सरकार को बदनाम करना चाहती हैं.
लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी सत्ताधारी पार्टी इन आरोपों को दबाने की कोशिश नहीं करेगी.
'सत्ता संघर्ष'
रेजेप ताइप एयरडोन का कहना है कि ये उनकी सरकार को बदनाम करने की साज़िश है.
उन्होंने राजधानी अंकारा में पार्टी की एक बैठक में कहा, "एके पार्टी न तो भ्रष्टाचार को नज़रंदाज़ करती है और न बर्दाश्त करती है. अगर ऐसा किया तो इसका उद्देश्य ही ख़त्म हो जाएगा."
विश्लेषकों का कहना है कि ये भ्रष्टाचार का ये मामला अर्दोगान की सरकार और अमरीका में रह रहे मुस्लिम धर्म गुरु फेत्तुल्लाह ग्यूलेन के बीच सत्ता संघर्ष का नतीजा है. माना जाता है कि फेत्तुल्लाह के तुर्की की पुलिस और न्यायपालिका में कई समर्थक हैं.
फेत्तुल्लाह ग्यूलेन ने इस जांच में हाथ होने से इनकार किया है. ग्यूलेन ने तुर्की 1999 में तब छोड़ दिया था जब तत्कालीन सरकार ने उन पर इस्लामी राज्य की स्थापना की कोशिश का आरोप लगाया था.
उन पर से ये आरोप बाद में वापस ले लिया गया था लेकिन वो तुर्की नहीं लौटे और अब अमरीका के पेन्सिलवैनिया में रहते हैं.
सरकार कई ऐसे पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर चुकी है जो या तो जांच में शामिल था या जिनके ग्यूलेन से ताल्लुक का शक था.
पत्रकारों के पुलिस की इमारतों में घुसने पर रोक लगा दी गई है, जिसके बाद आरोप लग रहे हैं कि सरकार जांच में बाधा डाल रही है.
'जांच पर सवाल'
ज़फ़ेर चलयान ने इस मामले को राजनीतिक साज़िश बताया है.
विपक्ष लंबे समय से ज़फ़र चलयान और मोउम्मर गुलैर के इस्तीफ़े की मांग कर रहा था. विपक्ष का कहना है कि उनके पद पर बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है.
चलयान ने बुधवार को इस्तीफ़ा देने के बाद जांच की वैधता पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा, "अब साफ़ है कि ये जांच हमारी सरकार, पार्टी और देश के ख़िलाफ़ गंदी साज़िश है.''
चलयान ने कहा, "मैं वित्त मंत्री का पद छोड़ रहा हूं ताकि इस साज़िश का भंडाफोड़ किया जा सके और सच सामने आ सके.''
वहीं गुलैर ने मंगलवार को कहा कि वो राजनीतिक साज़िश के शिकार हुए हैं.
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उनकी अपने बेटे के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग से पुलिस ने छेड़छाड़ की है और उनके बेटे के घर से जो रकम बरामद हुई वो एक घर बेचने से मिली है.
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