साइ ने जनवरी में हुए चुनावों में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी यानी डीपीपी का नेतृत्व किया था, इस पार्टी को चुनावों में एकतरफा जीत मिली है। परंपरागत रूप से डीपीपी का झुकाव चीन से आज़ाद होने पर है और इस जीत के बाद दोनों के बीच, रिश्तों पर असर पड़ सकता है।
चीन, ताइवान को अपने से अलग हुए प्रांत के रूप में देखता है और उसने चेतावनी दी है कि ज़रूरत पड़ने पर, उसे बल प्रयोग से वापस चीन में मिलाया जा सकता है। साइ इंग वेन ने कहा है कि वो चीन के साथ मौजूदा रिश्तों को बरकरार रखेंगी, लेकिन चीन को भी ताइवान के लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए।
ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा है कि राज़धानी ताइपे में हुए शपथ ग्रहण समारोह में क़रीब 700 राज्य प्रमुखों, कुटनीतिज्ञों और पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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