वाशिंगटन(पीटीआई)। एक भारतीय-अमेरिकी ने आरोप लगाया कि कोरोनोवायरस चीनी राज्य वुहान की एक लैब में तैयार किया गया एक जैनेटिकल इंजीनियर्ड यानि अनुवांशिक तकनीक से बना वायरस है। इस वायरस से बचे इस शख्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से अपील की है कि वे COVID-19 के कारण अमेरिका को हुए हजारों जानों और खरबों डॉलर के आर्थिक नुकसान के लिए मुआवजे की मांग करें।
चीन है जिम्मेदार
भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने एक पत्र लिख कर दावा किया है कि इस मायरस के चलते हुए जान माल की हानि एतिहासिक पर्ल हॉर्बर हादसे से हुए नुकसान से कहीं ज्यादा है। कोरोना वायरस को पहला कर चीन जो किया है उस धोखे को देखते हुए वो किसी भी रियायत का हकदार नहीं है और दुनियाभर में हुई मौतों के जिम्मेदार मानते हुए उससे हर्जाना मांगा जाना चाहिए। उसके अनुसार कानून के अनुसार चीन विश्व महामारी की वजह होने और लापरवाही का दोषी है जिसके चलते लगभग दो मिलियन लोगों को दर्द और पीड़ा को झेलना पड़ा है। रवि ने 14 अप्रैल को लिखे लेटर में कहा है कि लगभग 122,000 लोगों की मौत और उनके परिवारों को तोड़ने के लिए चीन दोषी है। इसलिए उससे एक उचित राशि बतौर मुआवजा देनी चाहिए और वो 9/11 के स्टैंडर्ड से मेल खाती हुई होने के साथ किसी भी तरह हर पॉजिटिव कोरोनावायरस टेस्टेड व्यक्ति के लिए 1 मिलियन डॉलर, हर अमेरिकी मृतक के लिए 5 मिलियन डॉलर और लॉकडाउन में रहने को मजबूर हर अमेरिकी के लिए 100,000 डॉलर से कम नहीं होनी चाहिए।
छिपाया वायरस का सोर्स
रवि ने चीन पर आरोप लगाया कि उसने कोरोना वायरस के फैलने के सोर्स को छिपाया। उनके अनुसार पूरी दुनिया को चीन के इस धोखे के लिए जिम्मेदार मानते हुए कड़े कदम उठाने चाहिए और अमेरिका को कवर-अप के तौर पर चीन को दिए 1.2T बिल को रद्द कर देना चाहिए। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगैंडा कि वुहान सीफूड मार्केट में चमगादड़ नहीं है को झूठा करार दिया। बुधवार को, फॉक्स न्यूज ने भी एक विशेष रिपोर्ट में कहा कि COVID-19 की उत्पत्ति वुहान की एक प्रयोगशाला में हुई। हांलाकि इसे जैव-हथियार के रूप में नहीं, बल्कि वायरस को पहचानने और खत्म करने के चीन के प्रयास को तौर पर बनाया जा रहा था पर वे उसे कंट्रोल नहीं कर सके। इस न्यूज के हवाले से सूत्रों ने इसे अब तक का सबसे मंहगा सरकारी कवरअप बताया है। इस बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि प्रशासन इसकी पूरी जांच कर रहा है।
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