इस सोने की कीमत 13 लाख डॉलर बताई जा रही है.
सोना मिलने के बाद फिर से करोड़ों डॉलर कीमत का सोना अभी भी डूबे हुए जहाज पर मौजूद होने की अटकलें शुरू हो गई हैं.
इससे इस बात की भी पुष्टि होती है कि जहाज से साल 1991 के बाद से सोना नहीं निकाला गया है.
हुआ यूं था कि साल 1857 में एसएस सेंट्रल अमरीका नाम का जहाज सोना लेकर पनामा से न्यूयॉर्क आ रहा था. तभी दक्षिण कैरोलिना के पास समुद्री तूफान में फंसने के कारण यह डूब गया.
आर्थिक संकट
पनामा से न्यूयॉर्क आ रहे जहाज के समुद्र में 2.2 किमी गहरे डूबने से इस पर सवार सभी 425 यात्रियों की मौत हो गई थी.
साथ ही जहाज पर लदा हजारों पौंड सोना समुद्र के गर्त में समा गया. हादसे के बाद देश में आर्थिक संकट शुरू हो गया.
विशेषज्ञों की जानकारी के मुताबिक डूबने से पहले जहाज में 21 टन सोना मौजूद था. जहाज दक्षिणी कैरोलिना से 257 किमी दूर हुर्रिकन के पास तूफान में फंस कर डूब गया था.
जहाज में इतनी बड़ी मात्रा में सोना लाने का मकसद न्यूयॉर्क में आर्थिक तंगी से जूझ रहे बैंकों की मदद करना था. यही वजह है कि जहाज के डूबने से देश में तब आर्थिक खलबली मच गई थी.
अप्रैल के मध्य में टोही अभियान के जरिए जितना सोना बरामद किया गया है वह पिछले 25 सालों में पहली बार बरामद हुआ है. मगर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अब सोने की कितनी मात्रा बची हुई है.
कानूनी विवाद
1980 के अंतिम और 1990 के शुरूआती महीनों में जहाज के मलबे की टोह में निकले गोताखोरों ने 40-50 अरब डॉलर की कीमत का सोना बरामद किया था. मगर तभी टोही अभियान पर कानूनी विवाद खड़ा हो गया और इसे बीच में ही रोक देना पड़ा.
फ्लोरिडा की कंपनी 'ओडिसी मरीन एक्सप्लोरेशन ऑफ टंपा' ने पिछले महीने अपने सफल टोही अभियान के बारे में बताते हुए कहा था कि अभी भी जहाज पर अच्छी-खासी मात्रा में सोना मौजूद है.
हाल के टोही अभियान में सोने की पांच सिल्लियां और दो 20 डॉलर का डबल ईगल सिक्का मिले हैं.
बचाव अधिकारी ने पिछले हफ्ते रॉयटर्स को बताया कि 20 डॉलर डबल ईगल सिक्के की कीमत औसतन 5,000 डॉलर होती है.
वारंट जारी
मार्च में 'ओडिसी मरीन एक्सप्लोरेशन' कंपनी को रिसीवर की ओर से जहाज के मलबे पर जाने का अधिकार मिला था.
ओहियो अदालत रिसीवर को नियुक्त करती है जो जहाज के सर्वेक्षण के लिए कंपनी का चुनाव करता है.
खजाने पर किसका हक होगा, इस पर दशकों लंबी कानूनी लड़ाई पर इस तरह विराम लग गया है.
इस जहाज का पता पहली बार साल 1988 में एक समुद्री विशेषज्ञ, जिनका नाम थॉमस थॉंम्पसन था, ने लगाया था. उन्होंने ही सोना खोजने का शुरूआती अभियान चलाया था.
मगर प्रोजेक्ट की मदद करने वाले निवेशकों ने आरोप लगाया कि वे मुनाफा बांटने में नाकामयाब रहे.
हालांकि थॉम्पसन अभी कहां हैं, किसी को जानकारी नहीं है. उनकी गिरफ्तारी के लिए साल 2012 में एक वारंट जारी किया गया था.
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