फरवरी तक आएगा कंसल्टेशन पेपर
टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्मार्टफोन एप्स कंपनीज को लाइसेंसिंग प्रक्रिया के तहत लाने, नेट न्यूट्रेलिटी और रेवेन्यू शेयरिंग जैसे विषयों पर फरवरी के अंत तक कंसल्टेशन पेपर लाने का फैसला किया है. गौरतलब है कि ट्राई पिछले काफी समय से इन मसलों पर विचार कर रहा है लेकिन बदलते टेलिकॉम परिदृश्य में नए मामले पैदा होते जा रहे हैं. इन मसलों में फ्री इंटरनेट कॉलिंग एक बड़ा मसला है जिसे ट्राई के कंसल्टेशन पेपर में जगह मिल सकती है. सूत्रों के अनुसार ट्राई सवाल पूछना चाहती है कि क्या यूनीफाईड लाइसेंस ओटीटी सर्विसेज के लिए काम कर सकता है या फिर ओटीटी सर्विसेज के लिए एक अलग लाइसेंसिंग प्रक्रिया होनी चाहिए.
सिक्योरिटी कंडीशन पर भी सवाल
इस डॉक्यूमेंट की मदद से ट्राई यह जानना चाहती है कि फ्री वॉइस कॉलिंग सर्विस देने वाली एप्स कंपनियों पर डाटा रिकॉर्ड और लॉग्स की सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जा सकते हैं जब यह कंपनियां देश से बाहर स्थित हों. ऐसे में ट्राई द्वारा उठाए गए सुरक्षात्मक कदमों का नियमन कैसे होगा. नेट-न्यूट्रेलिटी के मुद्दे पर ट्राई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से जानना चाहती है कि क्या बंधनमुक्त इंटरनेट इस्तेमाल के लिए मार्केट कंडीशंस काफी हैं या इसके लिए किसी नियामक संस्था की जरूरत है.
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