कजाकिस्तान
इस विशाल देश में पानी की समस्या बेहद गंभीर है। देश की ज्यादातर आबादी दूषित पानी का सेवन कर रही है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बिलकुल खरा नहीं उतरता।
मोरेक्को
पानी की मांग और आपूर्ति के बीच इस देश में काफी अंतर है। कहा जा रहा है कि पानी की शुद्धता में तेजी से हो रही कमी भी इस देश में जल संकंट पैदा होने का बड़ा कारण है।
अजरबेजान
तेजी से हो रहे जलवायु परिर्वतन के कारण अजरबेजान में 2021 से 2050 के बीच जल आपूर्ति 23 प्रतिशत घटने की आशंका है।
मैसोडोनिया
बहुत कम वर्षा के कारण मेसोडोनिया में जल संचयन और जल स्तर तेजी से घटता जा रहा है।
यमन
लंबे समय से चल रहे ग्रह युद्ध के चलते यमन में जल आपूर्ति की समस्या विकराल होती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार 2017 के अंत यमन की राजधानी साना में पानी की उपलब्धता शून्य हो जायेगी।
लीबिया
आवश्यकता से केवल चौथाई जमीनी जल स्तर से मिलने वाली जलापूर्ती और देश का 90 प्रतिशत इलाका रेगिस्तान होने के कारण लीबिया में भी पानी की कमी बढ़ती जा रही है।
जॉर्डन
गिरते जल स्तर के चलते जॉर्डन में पिछले एक दशक में पानी का मूल्य दो गुने से ज्यादा बढ़ चुका है।
ईरान
बढ़ती आबादी और विशाल रेगिस्तान हैं ईरान में पानी की कमी है प्रमुख कारण।
किरगिस्तान
बावजूद 6500 ग्लेशियर और 2000 झीलों के किरिगिस्तान अब पानी की कमी से जूझ रहा है। इसकी एक वजह है यहां सोवियत संघ के शासन के दौरान हुई प्लंबिंग और वाटर सप्लाई की गड़बड़ियां। साथ ही यहां के ग्रामीण इलाकों की ज्यादा जल की आवश्यकता वाली खेती पर र्निभरता।
लेबनान
देश में पानी के संचयन और आपूर्ती की घोर अव्यवस्था के चलते लेबनान की अधिकतर आबादी जल संकट से जूझ रही है। लोग पानी के टैंकरों और बोतलबंद पानी पर निर्भर हैं।
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