11 सितंबर 2001 अमेरिका:
11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर अलकायदा ने आत्मघाती हमला किया था। इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया था। इस हमले में लगभग 3000 लोग मारे गए और 8900 लोग घायल हो गए थे।
23 अक्टूबर 2002 मॉस्को:
मॉस्को में 23 अक्टूबर 2002 को डुबरोवका थियेटर में आतंकी हमला हुआ था। इस दौरान हथियार बंद आतंकवादियों ने करीब 850 लोगों को बंधक बना लिया था। जिसमें करीब 130 लोग मारे गए थे। इतना ही नहीं इसमें करीब 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
26 नवंबर 2008 मुंबई:
26 नवम्बर 2008 को भारत के मुंबई शहर में एक साथ कई जगह आतंकवादी हमले हुए थे। आतंकियों ने ताज होटल, ओबरॉय होटल, नरीमन हाऊस, कामा अस्पताल और सीएसटी समेत कई जगह एक साथ हमला किया था। इसमें करीब 160 से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई।
16 दिसंबर 2014 पाकिस्तान:
16 दिसंबर 2014 को पाकिस्तान के पेशावर स्कूल में आतंकी हमला हुआ था। यहां एक सैनिक स्कूल में तालिबान के हमले में 132 बच्चों समेत 140 से ज्यादा लोग मारे गए थे। स्कूल के अंदर घुसकर बच्चों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने की घटना की दुनियाभर में निंदा हुई थी।
11 मार्च 2004 मैड्रिड:
11 मार्च 2004 की सुबह मैड्रिड के आम चुनाव से तीन दिन पहले यहां पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें करीब 192 लोग मारे गए और करीब 2,000 घायल हुए।
2004 बेसलैन स्कूल:
सितंबर 2004 में रूस के बेसलैन स्कूल में आतंकियों ने हमला कर 3 दिन तक बच्चों समेत 1100 लोगों को बंधक बनाए रखा था। जिससे मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इस दौरान करीब 385 लोगों की मौत हो गई और 783 लोग घायल हो गए थे। मारे गए लोगों में आतंकी भी शामिल थे।
22 जुलाई 2011 नॉर्वे:
22 जुलाई, 2011 को, ओस्लो में एक बम विस्फोट में आठ लोगों की मौत हुई। यहां पर यूटा द्वीप पर 69 युवा लोग मारे गए। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नॉर्वे में यह सबसे घातक हमला था।
29 अक्टूबर 2005 दिल्ली:
29 अक्टूबर 2005 में दिल्ली में दिवाली से दो दिन पहले तीन बम विस्फोट हुए। जिसमें करीब 67 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा घायल हो गए थे। यहां पर आतंकवादियों ने सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और डीटीसी बस के व्यस्त बाजारों में बैगों में बम लगाए थे।
15 नवंबर 2003 इस्तांबुल:
15 और 20 नवंबर 2003 को इस्तांबुल के तुर्की में चार ट्रक बम हमले किए गए थे। जिसमें 57 लोग मारे गए जबकि लगभग 700 लोग घायल हुए थे। इस हमले से इंस्ताबुल पूरी तरह से दहल गया था।
7 जुलाई, 2005 लंदन:
7 जुलाई, 2005 को लंदन में चार आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया था। इसके बाद फिर 21 जुलाई, 2005 को, चार अन्य बम हमलों ने लंदन के सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के कार्यकर्ताओं को अपना निशाना बनाया था। इसमें कई लोग मारे गए और करीब 700 से अधिक घायल हुए थे।
नरेंद्र मोदी ने हाथ मिलाने के लिए बढ़ाया हाथ, एंजेला ने कहा आगे बढ़ोInteresting News inextlive from Interesting News Desk
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