आई लव यू:
आई लव यू वाला वायरस साल इमेल से आता है। यह आपके मेल बॉक्स से 50 लोगों को उस मैसेज को भेजता है। जिसके जरिए यह आपके मेल में एक्टिव हुआ था। अब तक यह कई सर्वर, बैंकिंग, पेजर और पेजिंग सर्विस को क्रैश कर चुका है।
मेलिसा:
मेलिसा वायरस साल 1999 में आया था। यह भी ईमेल के जरिए सिस्टम में एक्टिव होता है। यह भी I love you वाले वायरस की तरह 50 लोगों को मेल सेंड करने का काम करता है।
माई डूम:
यह वायरस भी साल 2004 में एक्टिव हुआ था। मेल के जरिए आने वाला यह वायरस “mail transaction failed” जैसे सब्जेक्ट के साथ आता है। यह डाटा क्रैश करता है।
कॉनफिकर:
यह वायरस साल 2009 में सोशल नेटवर्किंग साइट्स से एक्टिव हुआ था। यह विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले सिस्टम पर अटैक करता है। लोकल नेटवर्क से कनेक्ट होकर दूसरी डिवाइसेज को भी इफेक्ट करता है।
स्टोर्म वार्म:
स्टोर्म वार्म वायरस भी साल 2006 में आया है। यह लिंक के जरिए से आता है। मेल में आने वाली लिंक पर क्लिक करते ही फोन में इन्स्टॉल हो जाता है।Interesting News inextlive from Interesting News Desk
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