1. पाकिस्तानी स्पिनर अब्दुर रहमान ने 2014 एशिया कप में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया। रहमान ने इस मैच में एक भी वैलिड गेंद फेंके 8 रन दे दिए थे। दरअसल इस लेफ्ट आर्म गेंदबाज ने फुलटॉस गेंद फेंकने की झड़ी लगा दी थी। और तीन गेंद फेंकने के बाद ओवर डिसमिस कर दिया गया था।
2. 2004 एशिया कप में पाकिस्तानी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 17 गेंदों का एक ओवर फेंका था। इसमें उन्होंने 7 वाइड और 4 नो-बॉल फेंकी। उनके इस ओवर में कुल 22 रन गए।
3. वनडे क्रिकेट में सबसे घटिया स्कोर बोर्ड पाकिस्तान का है। साल 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच में पाकिस्तान को 311 रन चेज करने थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम के शुरुआती 4 विकेट सिर्फ एक रन के अंदर गिर गए थे।
4. न्यूजीलैंड के ज्योफ एलॉट के नाम सबसे धीमी पारी खेलने का रिकॉर्ड है। एलॉट ने साल 1999 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 77 गेंदे खेली, लेकिन आउट वह शून्य पर हुए।
5. टेस्ट मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा एक्स्ट्रा रन देने का रिकॉर्ड पाकिस्तान टीम के नाम है। दिसंबर 2007 में इंडिया के खिलाफ पाकिस्तान ने 76 एक्स्ट्रा रन दे डाले।
6. श्रीलंका के दिग्गज गेंदबाज मुरलीधरन ने टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं। लेकिन उनके नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज है। मुरली क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कुल 59 बार शून्य पर आउट हुए हैं।
7. साल 2011 में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच एक टेस्ट मैच खेला गया। इस मैच में सबसे खास बात यह थी कि ऑस्ट्रेलियाई पारी की तरफ से उनके 11 नंबर के बल्लेबाज ने सबसे ज्यादा 14 रन बनाए थे। जबकि उनकी पूरी टीम 47 रन पर आलआउट हो गई थी।
8. क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने भले ही सबसे ज्यादा रन और सेंचुरी बनाई हैं। लेकिन उनके नाम एक ऐसा रिकॉर्ड भी दर्ज है जिसे वह कभी याद नहीं करना चाहेंगे। सचिन वनडे में सबसे ज्यादा 18 बार नर्वस नाइंटी का शिकार हुए हैं।
9. टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार बोल्ड होने का रिकॉर्ड राहुल द्रविड़ के नाम है। द्रविड़ को भारत की दीवार कहा जाता था। इसके बावजूद द्रविड़ अपने पूरे टेस्ट करियर में 54 बार बोल्ड हुए हैं।
10. भारत के मोहिंदर अमरनाथ दुनिया के इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं जो बॉल पकड़ने और फील्ड में बाधा डालने पर आउट करार दिए गए। साल 1986 में एक मैच में उन्होंने गेंद को विकेट में जाने से रोकने के लिए हाथ लगा दिया था। जबकि साल 1989 में श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में उन्हें फील्ड में बाधा डालने पर पवेलियन लौटना पड़ा।
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