टोक्यो (पीटीआई)। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीतकर इतिहास रच दिया। गुरुवार को भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराकर ब्रांज मेडल अपने नाम किया। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें, 34वें मिनट) ने गोल किया, जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह (31वें मिनट) ने गोल किया। जर्मनी की ओर से तैमूर ओरुज (दूसरा), निकलास वेलेन (24वें), बेनेडिक्ट फर्क (25वें) और लुकास विंडफेडर (48वें) ने गोल किए।

ओलंपिक में भारतीय हाॅकी का तीसरा ब्रांज
यह ओलंपिक के इतिहास में भारत का तीसरा हॉकी कांस्य पदक है। अन्य दो 1968 मैक्सिको सिटी और 1972 म्यूनिख खेलों में आए थे। दुनिया के 5वें नंबर के जर्मनी के लिए यह दिल तोड़ने वाला था क्योंकि वे 2016 के रियो खेलों की कांस्य पदक जीतने वाली उपलब्धि को दोहरा नहीं सके। ब्रांज मेडल मैच में जर्मनी ने शुरुआत से भारतीय टीम पर दबाव बनाने की कोशिश की और वह गोल कर आगे निकल गए। भारत ने इसके बाद पांचवें में पेनल्टी कार्नर हासिल किया जो बर्बाद हो गया।

भारत ने दागे 5 गोल
पांच मिनट बाद, अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश अपनी लाइन से बाहर आए और मैट्स ग्रैम्बुश को नकारने के लिए एंगल को बंद कर दिया। जर्मनों ने भारतीय रक्षा पर अथक दबाव डाला और पहले क्वार्टर से सेकेंडों में चार पेनल्टी कार्नर हासिल किए जिनका भारतीयों ने इस बार डटकर बचाव किया। मनप्रीत की टीम दूसरे क्वार्टर में तेजी से आगे बढ़ी और भारत ने गोल दाग दिया। दो मिनट बाद, भारत ने अपना तीसरा पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और इस बार, हरमनप्रीत ने गोल कर मैच में नाटकीय बदलाव किया। अंत में भारत ने मैच 5-4 से अपने नाम किया।