चैत्र नवरात्रि इस वर्ष 06 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। माता दुर्गा की पूजा के ये नौ दिन अत्यंत ही शुभ और फलदायी माने जाते हैं। इन दिनों में माता के भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के लिए अनेक तरह के उपाय करते हैं, उन्हीं में से एक है ग्रह दोष का निवारण।
ज्योतिषाचार्य पं. राजीव शर्मा से जानते हैं कि इन दिनों में ग्रह दोष का निवारण कैसे किया जाना चाहिए और आदिशक्ति दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि प्रायः कन्या-तुला-मीन-मेष की संक्रान्ति पर आती है, नवग्रह में किसी ग्रह के अनिष्ट फल कम करने के लिए शक्ति उपासना विशेष फल प्रदान करती है। शक्ति उपासना स्थापना मुर्हूत से करनी चाहिए।
1. सूर्य ग्रह:- सूर्य ग्रह कमज़ोर होने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, सूर्य के दोष से बचने के लिए भक्तों को माता शैलपुत्री की उपासना करनी चाहिए, इससे लाभ मिलता है।
2. चन्द्र ग्रह:- चन्द्र ग्रह कमज़ोर होने की स्थिति में व्यक्ति को कुष्माण्डा देवी की उपासना विधि विधान से करनी चाहिए।
3. मंगल ग्रह:- मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमें स्कंद माता की उपासना करनी चाहिए।
4. बुध ग्रह:- बुध ग्रह की शान्ति एवं आर्थिक स्थिति मज़बूत करने के लिए कात्यायिनी देवी की उपासना श्रेष्ठ है।
5. गुरू ग्रह:- गुरू ग्रह की अनुकूलता के लिए महागौरी की उपासना श्रेष्ठ रहती है।
6. शुक्र ग्रह:- शुक्र ग्रह के शुभत्व को बढ़ाने के लिए सिद्धि्दात्री की उपासना करनी चाहिए।
7. शनि ग्रह:- शनि ग्रह के दुष्प्रभाव को दूर करने तथा शुभता पाने लिए मां दुर्गा के स्वरूप काल रात्री की उपासना करनी चाहिए।
8. राहु ग्रह:- राहु ग्रह के दूषित प्रभाव को दूर करने के लिए माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए, ऐसा करने से शक्ति मिलती है।
9. केतु ग्रह:- केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को सकारात्मकता में बदलने के लिए चन्द्र घण्टा देवी की उपासना श्रेष्ठ है।
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