टोरंटो (पीटीआई)। जर्नल सेल में प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि फुल साइज एंटीबाॅडी के मुकाबले यह माॅलीक्यूल 10 गुना छोटा है। इसका इस्तेमाल एबी8 दवा बनाने में प्रयोग किया गया है। यह दवा एसएआरएस-कोव-2 रोकने या उससे बीमार का इलाज करने में सक्षम है। शोधकर्ताओं में कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया से श्रीराम सुब्रमण्यम भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, एबी8 चूहों में एसएआरएस-कोव-2 की रोकथाम और इलाज में कारगर पाया गया है।
तेजी से विस्तार करके खत्म कर देता है वायरस
शोधकर्ताओं ने कहा कि छोटे आकार का यह माॅलीक्यूल तेजी से विस्तार करके उतकों में वायरस को पूरी तरह से खत्म कर देता है। इतना ही नहीं यह माॅलीक्यूल दवा को दूसरे रूट से भी शरीर में प्रवेश करने का विकल्प मुहैया कराने में सक्षम बनाता है। जैसे नाक से भी इस दवा को लिया जा सकता है। यह दवा मानव की कोशिकाओं के साथ नहीं जुड़ता है। यह इस दवा की एक अच्छी बात है। उनका कहना था कि इसका लोगों पर कोई निगेटिव साइड इफेक्ट नहीं है।
मरीजों के इलाज के साथ संक्रमण से भी बचाएगा
अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के जाॅन मिलर्स ने कहा कि एबी8 न सिर्फ कोविड-19 का इलाज करेगा बल्कि यह एसएआरएस-कोव-2 के संक्रमण से भी लोगों को बचाएगा। मिलर्स शोध के को-ऑथर भी हैं। उनका कहना था कि बड़े आकार की एंटीबाॅडी दूसरे संक्रामक बीमारियों के खिलाफ भी काम करती है। इससे कोविड-19 के मरीजों के इलाज की उम्मीद जगी है। इससे ऐसे लोग भी एसएआरएस-कोव-2 के संक्रमण से बच सकेंगे जो कभी इससे संक्रमित नहीं हुए हैं।
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