नई दिल्ली (एएनआई)। भारत द्वारा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात से पाबंदी हटाए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया था। आज गुरुवार को मोदी ने ट्रंप के धन्यवाद ट्वीट पर अपना बयान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए ट्रंप तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। मोदी का कहना है कि, यह ऐसा समय है जब एक दोस्त दूसरे दोस्त के काम आता है। हम मानवता के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
मोदी बोले - मानवता के लिए सबकुछ करूंगा
पीएम मोदी ने ट्रंप को जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा, 'मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूरी तरह से सहमत हूं। यह वो पल होते हैं जब दोस्त साथ आते हैं। भारत-अमेरिका की साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत है। भारत कोविड-19 के खिलाफ मानवता की लड़ाई में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। हम इसे एक साथ जीतेंगे।'
Fully agree with you President @realDonaldTrump. Times like these bring friends closer. The India-US partnership is stronger than ever.
India shall do everything possible to help humanity's fight against COVID-19.
We shall win this together. https://t.co/0U2xsZNexE— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2020
ट्रंप ने मोदी से मांगी थी मलेरिया की दवा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा देने के लिए धन्यवाद दिया। मलेरिया की इस दवा की अमेरिका में काफी मांग है। माना जा रहा कि ये दवा कोरोना के इलाज का एक विकल्प हो सकती है। भारत अब हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात के लिए राजी हो गया तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, मोदी को धन्यवाद देना नहीं भूले। ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा, 'भारत द्वारा दवा के निर्यात पर पाबंदी हटा ली गई है। असाधारण समय पर दोस्तों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता होती है। ॥ष्टक्त के निर्णय के लिए भारत और भारतीय लोगों को धन्यवाद। इस अहसान को कभी नहीं भूला जाएगा।' यही नहीं ट्रंप ने आगे कहा, 'अपने मजबूत नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को धन्यवाद। इस लड़ाई में न केवल भारत, बल्कि मानवता की मदद की जा रही है!'
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की बढ़ी मांग
अमेरिका ने जबसे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को कोरोना के इलाज का विकल्प बताया है, तब से इस दवा की मांग बढ़ गई है। दुनिया में इसका 70 परसेंट उत्पादन भारत में होता है। वैसे यह दवा मलेरिया के इलाज में कारगर होती है मगर कुछ परीक्षणों के बाद इसे कोरोना के इलाज का विकल्प माना जाने लगा। ऐसे में अमेरिका, श्रीलंका और अन्य देश भारत से इसकी मांग कर रहे।
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