पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को एक 67 वर्षीय व्यक्ति और एक महिला को गिरफ्तार किया है.
पिछले महीने 'फ्रीडम चैरिटी' नाम की एक संस्था ने पुलिस से संपर्क किया और बताया कि उन्हें एक महिला ने फोन कर बताया कि उसे दशकों से उसकी मर्जी के खिलाफ कैद रखा गया है.
जिन महिलाओं को पुलिस ने 25 अक्टूबर को छुड़ाया उसमें 69 वर्षीय मलेशियाई महिला, 57 वर्षीय आयरिश महिला और एक तीस वर्षीय ब्रितानी महिला शामिल है.
मानसिक रूप से बेहद परेशान इन महिलाओं को अब सुरक्षित जगहों पर रखा गया है.
'गिरफ्तारी में देरी'
30 वर्षीय महिला ने अपनी अब तक की पूरी जिंदगी कैद में गुजारी है. अधिकारियों का कहना है कि वो ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उसका जन्म उसी घर में हुआ था.
"हमने कुछ मामले देखे है जिनमें कुछ लोगों को दस साल तक बंधक बना कर रखा गया लेकिन इस तरह का मामला कभी नहीं देखा."
-केविन हेलैंड, पुलिस अधिकारी
पुलिस इन महिलाओं के बीच के संबंध की भी छानबीन कर रही है.
पुलिस अधिकारी केविन हेलैंड ने कहा, “हमने कुछ मामले देखे हैं जिनमें कुछ लोगों को दस साल तक बंधक बना कर रखा गया लेकिन इस तरह का मामला कभी नहीं देखा.”
उन्होंने बताया, “इस मामले में गिरफ्तारी में देरी हुई. इसकी वजह ये थी कि हमें बहुत ही सावधानी के साथ काम करना पड़ा क्योंकि ये महिलाएं बहुत प्रताड़ित थीं और इस मामले के तथ्यों को भी समझना था.”
हेलैंड के मुताबिक वो किसी भी तरह इन महिलाओं की पीड़ा को नहीं बढ़ाना चाहते थे.
पुलिस का कहना है कि इस मामले से जुड़े तथ्य बहुत ही धीरे-धीरे सामने आए क्योंकि कई विशेषज्ञ इन महिलाओं के साथ काम कर रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक अभी तक यौन उत्पीड़न के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं.
हेलैंड ने इस मामले में फ्रीडम चैरिटी की भूमिका की प्रशंसा की. इस संस्था को फोन आयरिश महिला ने किया और बताया कि उनके साथ दो और महिलाओं को रखा गया है.
International News inextlive from World News Desk