नई दिल्ली (एएनआई)। भारत की तरफ से गलती से पाकिस्तान में गिरी ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर विभागीय जांच पूरी हो गई है। जिसमें भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के तीन अधिकारियों को दोषी पाया गया है और उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बता दें इसी साल 9 मार्च को गलती से ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान की ओर दग गई थी जिसको लेकर पाक ने आपत्ति भी जताई थी।
अधिकारियों ने एसओपी को नहीं किया फाॅलो
भारतीय वायु सेना के अनुसार, 9 मार्च, 2022 को गलती से एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी गई थी। घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने सहित मामले के तथ्यों को स्थापित करने के लिए गठित एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (कर्नल) ने पाया कि तीन अधिकारियों द्वारा संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को फाॅलो नहीं करने के कारण मिसाइल की आकस्मिक फायरिंग हुई। IAF ने कहा, "इन तीन अधिकारियों को मुख्य रूप से घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। केंद्र सरकार ने उनकी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। 23 अगस्त को अधिकारियों को बर्खास्तगी के आदेश दे दिए गए हैं।"
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का दिया था आदेश
भारत ने 11 मार्च को कहा था कि नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी खराबी के कारण गलती से मिसाइल दागी गई थी। पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि एक भारतीय प्रक्षेपास्त्र पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुस गया था और अपने क्षेत्र में मियां चन्नू नामक स्थान के पास गिरने के बाद आसपास के क्षेत्रों को कुछ नुकसान पहुंचा था। तब रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया था और कहा कि यह राहत की बात है कि आकस्मिक गोलीबारी के कारण किसी की जान नहीं गई।
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