नेशनल टीम के लिए खेल चुकी हैं डायना बेग

एक इंटरव्यू के दौरान डायना ने बताया कि कैसे उन्होंने हुनाजा वैली में अपने घर की गलियों में क्रिकेट और फुटबॉल खेलना सीख। डायना ने बताया कि पाकिस्तानी सोसाइटी में लड़कियों को स्पोर्टस खेलने की इजाजत नही है। डायना ने बताया कि वह उस फैमिली से हैं जहां उन्हें स्पोटर्स के लिए बढ़ावा दिया गया। जैसे लड़को को खेलने की इजाजत होती है जब वो छोटे से बड़े हो जाएं। डायना सिया समुदाय से आती हैं। सिया समुदाय आगा खां को फॉलो करता है। जो कंजरवेटिव सोच से पाकिस्तान को मार्डन सोच में लेकर आए। बेग ने बताया कि उन्होंने अपने सबसे पसंदीदा स्पोटर्स में खुद एडमीशन लिया जो क्रिकेट था। डायना बाती हैं कि उन्हें नेशनल फुटबॉल टीम में भी जगह मिली और वो शामिल हो गईं।

फुटबॉल और क्रिकेट दोनों की करती है प्रैक्टिस

डायना ने बताया कि जब वो इस्लामाबाद के लिए क्रिकेट खेल रहीं थीं तब उन्होंने फुटबॉल में भी अपने हाथ आजमाने की सोची। इसके लिए उन्होंने एक लोकल टीम ज्वइन की। टीम में जाने के बाद 2014 में डायना एसएएफएफ चैम्पियन शिप बहरीन के लिए सिलेक्ट हुईं। वह स्ट्रेटिंग 11 की मेंबर है। डायना ने बताय कि वह अपनी उत्सुकता छिपा नहीं पाती है। 2013 वर्ल्ड कप में डायना को रिजर्व प्लेयर के तौर पर सिलेक्ट किया गया। पाकिस्तान और बांग्लादेश मेच के दौरान डायना बेग ने अपनी पहली इंटरनेशनल कैप जीती। डायना बताती हैं कि वह सुबह उठ कर सबसे पहले फुटबॉल खेलती हैं फिर वह क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए चली जाती हैं।

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